Hamara Hathras

Latest News

हाथरस 02 नवम्बर । स्वास्थ्य विभाग में डीज़ल खपत को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीएमओ कार्यालय में लगा 25 केवीए का जनरेटर पिछले पाँच वर्षों से खराब पड़ा है, लेकिन विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार उसमें हर सप्ताह 40 लीटर डीज़ल भरने की एंट्री लगातार की जाती रही है। अब जांच में यह संदेह गहरा हो गया है कि जनरेटर के नाम पर आने वाला डीज़ल कहीं और खपत किया गया है। सीएमओ कार्यालय में डीज़ल खपत से जुड़े तथ्यों ने विभागीय भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

बिजली रहने के बावजूद चलता रहा जनरेटर

सीएमओ कार्यालय जिला अस्पताल परिसर में स्थित है, जहाँ दो फीडरों से 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। इसका मतलब यह है कि जनरेटर चलाने की आवश्यकता ही नहीं होती। इस स्थिति के बावजूद रिकॉर्ड में नियमित रूप से जनरेटर चलने और हर सप्ताह उसकी टंकी भरने का उल्लेख करना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जिनमें एसीएमओ डॉ. मधुकर कुमार , डीआईओ डॉ. एम.आई. आलम और आरओ अनिल शर्मा शामिल हैं।  टीम डीज़ल सप्लाई की पर्चियों से लेकर वाहनों की लॉगबुक तक की गहन जांच कर रही है। यदि वाहन चालान रिकॉर्ड भी खोला गया तो कई और अनियमितताएँ उजागर हो सकती हैं। जानकारी के अनुसार, पिछले महीने विभाग के एक अधिकारी की निजी कार में डीज़ल भरवाए जाने के आरोप में एक चालक को नोटिस जारी हुआ था, लेकिन बाद में यह नोटिस फाइलों में दबाकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। प्रभारी सीएमओ डॉ. राजीव राय का कहना है कि “तहसील दिवस के कारण पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है। जनरेटर प्रकरण और रिकवरी नोटिस वाले मामले की जांच कराई जाएगी।”

कोल्ड चेन के जनरेटरों में भी खेल की आशंका

लगभग 10 वर्ष पूर्व कोल्ड चेन के लिए 8 जनरेटर खरीदे गए थे। 7 सीएचसी में लगे और एक को सीएमओ कार्यालय भेजा गया, जो वहीं से खराब पड़ा है जांचकर्ता मानते हैं कि यदि सीएचसी स्तर पर लगे जनरेटरों के रिकॉर्ड भी खंगाले गए तो कई गड़बड़ियाँ सामने आ सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page