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हाथरस 01 नवम्बर ।  फर्जी फर्मों के पंजीकरण और करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले की जांच में हाथरस का नाम भी सामने आया है। लखनऊ में एक ही मोबाइल नंबर 7678311461 पर 60 फर्जी पंजीकरण होने का खुलासा होने के बाद सेंट्रल जीएसटी विभाग ने जांच को आगे बढ़ाया, जिसमें पता चला कि हाथरस में भी इसी नंबर से तीन फर्मों का पंजीकरण कराया गया था।

फर्म आरके एंटरप्राइजेज इगलास रोड, पीके एंटरप्राइजेज इगलास रोड और जीके एंटरप्राइजेज इगलास रोड नाम से पंजीकृत कराई गईं, लेकिन जांच में इन तीनों फर्मों का कोई वजूद मौके पर नहीं मिला। एक ही बिजली बिल, एक ही व्यक्ति व पते आदि सभी फर्जी निकले। पते का प्रमाणपत्र ऋषि कुमार पुत्र हाकिम सिंह के बिजली बिल के माध्यम से लगाया गया था। लेकिन जब GST विभाग ने मौके पर जांच की, तो वहां न तो कोई कार्यालय मिला और न कोई कारोबारी गतिविधि। सेंट्रल जीएसटी टीम की जांच में यह उजागर हुआ कि इन फर्मों के नाम पर लोहा व मैटल स्क्रैप की खरीद-फरोख्त का फर्जी बिल जारी कर करोड़ों का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की साजिश रची गई थी। न कोई माल की वास्तविक आवाजाही, न कोई उत्पादन है।  इन फर्मों से कोई टैक्स चोरी अभी तक सफल नहीं हो सकी है, क्योंकि समय रहते विभाग को संदेह हो गया और कार्रवाई शुरू कर दी गई। गर्मेंट्स के HSN कोड (5% टैक्स स्लैब) का उपयोग किया ताकि पंजीयन अधिकारी को शक न हो। ऐसे में तीन फर्जी फर्मों का खुलासा होने से स्थानीय कारोबारी चौंक गए हैं। सेंट्रल जीएसटी विभाग ने तीनों फर्मों के पंजीयन तुरंत रद्द कर दिए हैं, वह भी बैकडेट से, ताकि भविष्य में कोई फर्जी लाभ न उठा सके। अब जांच इस बिंदु पर केंद्रित है कि इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड कौन?, हाथरस में स्थानीय सहयोग किसने किया? और कितने और फर्जी पंजीकरण बाकी हैं।  रिपोर्ट विभाग के मुख्यालय को भेज दी गई है, जिसमें आर्थिक अपराध शाखा व आयकर विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

 

 

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