
सिकंदराराऊ (हसायन) 27 अक्टूबर । कोतवाली क्षेत्र के कस्बा और देहात इलाकों में हरे पेड़ों की अवैध कटाई पर वन विभाग की कार्रवाई के बावजूद माफियाओं का तांडव लगातार जारी है। वन विभाग द्वारा समय-समय पर जुर्माना कार्रवाई किए जाने के बाद भी क्षेत्र में प्रतिदिन हरे और प्रतिबंधित वृक्षों का कटान बेखौफ होकर किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र के कई गांवों में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं, जो हरियाली और पर्यावरण के लिए खतरा बने हुए हैं। सूचना मिलने पर भी वन विभाग और स्थानीय पुलिस के कुछ कर्मचारी माफियाओं से मिलीभगत कर कार्रवाई को दबा देते हैं। बताया जा रहा है कि यह माफिया स्थानीय आरा मशीन संचालकों और ठेकेदारों से मिले हुए हैं, जिनके चलते अवैध कटान का यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, शासन की ओर से पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हरे पेड़ों की कटाई से प्रशासनिक दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हर दिन हरे पेड़ों को काटकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर खुलेआम बाजार से गुजारा जा रहा है, जिनकी लकड़ी बाद में हसायन कस्बे की आरा मशीनों पर तुलाई और बिक्री के लिए लाई जाती है। सूत्रों के अनुसार, हसायन में कई आरा मशीनें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं, जिन पर रात के समय कटान की गई लकड़ियों की तुलाई और कटाई का कार्य किया जाता है। वन विभाग द्वारा कभी-कभी खानापूर्ति के तौर पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद वही मशीनें फिर से चालू हो जाती हैं। स्थानीय लोगों ने शासन और वन विभाग से मांग की है कि हरे पेड़ों की अवैध कटाई पर सख्त रोक लगाई जाए, अवैध आरा मशीनों को तुरंत बंद कराया जाए और इसमें संलिप्त कर्मचारियों व माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।













































