
सिकंदराराऊ 27 अक्टूबर । दी बार एसोसिएशन की एक आवश्यक बैठक आज हाथरस में सम्पन्न हुई, जिसमें उपजिलाधिकारी (एसडीएम) व तहसीलदार के तानाशाही रवैये, न्यायालय परिसर में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा अवैध रूप से कार्यरत प्राइवेट व्यक्तियों की शिकायतों पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में युवा अधिवक्ता मोहम्मद सैफ का चैंबर अवैध रूप से तोड़े जाने की घटना की भी तीव्र निंदा की गई। सदन में उपस्थित अधिवक्ताओं के विचार-विमर्श और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त इन अनियमितताओं और अधिकारियों के मनमाने रवैये के विरोध में आगामी दो दिनों (दिनांक 28 व 29 अक्टूबर) तक एसडीएम कोर्ट, तहसीलदार कोर्ट, नायब तहसीलदार कोर्ट तथा चकबंदी कोर्ट में पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही निर्णय लिया गया कि इन दो दिनों के दौरान रजिस्ट्री कार्यालय में भी कोई कार्य नहीं किया जाएगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि आगे का संघर्ष पदाधिकारियों व अधिवक्ताओं की संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में जारी रहेगा, जो आगे की रणनीति तय करेगी। इस मौके पर अधिवक्ता महेश चंद्र अंजाना, जय प्रकाश गुप्ता, गौरी शंकर गुप्ता, ठाकुर रणवीर सिंह, युवराज सिंह चौहान, नरेश प्रताप सिंह, ब्रजेश कुमार यादव, हुक्म सिंह बघेल, ओम प्रकाश गौतम, रमेश चंद्र शर्मा, दिनेश कुमार चौहान, अशोक कुमार शर्मा, देवेंद्र दीक्षित शूल, वीरेश पुंढीर, अवनीश कुमार शर्मा, ओसवीर सिंह, चौधरी उदयवीर सिंह, सलीम कुरैशी, प्रमोद कुमार बघेल, जितेंद्र कुमार सिंह, श्रीकृष्ण, भरत सिंह, योगेंद्र पुंढीर, महेश चंद्र यादव, कल्लू सिंह कुशवाहा, राजेश राजपूत, राजेश यादव, अनिल कुमार, प्रबल प्रताप सिंह, राम मोहन यादव, विजय उपाध्याय, दिनेश कुमार बघेल, दीपेश पाठक, प्रियांशु दरगढ, सत्यवीर यादव, सुखवीर यादव, ललित कुमार बघेल, नरेश कुमार बघेल, राजकुमार सिंह, अवधेश यादव, मनवीर प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। बैठक का माहौल गंभीर और एकजुटता भरा रहा, जिसमें सभी अधिवक्ताओं ने न्यायपालिका में पारदर्शिता, अधिवक्ताओं के सम्मान और निष्पक्ष कार्यप्रणाली की मांग को लेकर एकस्वर में समर्थन जताया।














































