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हाथरस 25 अक्तूबर । मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने आज अलीगढ रोड स्थित निरीक्षण भवन में मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभाग की सभी योजनाओं का लाभ पात्र मत्स्य पालकों को प्राथमिकता के आधार पर दिलाया जाए और योजनाओं के पारदर्शी एवं प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जाए। मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि मत्स्य पालक कल्याण कोष के माध्यम से मछुआरा समुदाय के हित में विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें दैवीय आपदा, शिक्षा, चिकित्सा जैसी परिस्थितियों में ₹25,000 से लेकर ₹5,00,000 तक की सहायता अनुमन्य है।

मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत —

  • आंशिक विकलांगता पर ₹25,000,

  • पूर्ण विकलांगता पर ₹2,50,000,

  • मृत्यु की दशा में ₹5,00,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया कि पात्र लाभार्थी इन योजनाओं के लिए मत्स्य विभाग के पोर्टल https://fisheries.up.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

बैठक में मंत्री ने तालाबों के पट्टों का निष्पक्ष आवंटन, मत्स्य बीज वितरण, सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड लक्ष्य पूर्ति, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मछुआ दुर्घटना बीमा, मत्स्य पालक कल्याण कोष, तथा नवीन बहुउद्देशीय समितियों के गठन से संबंधित बिंदुओं की समीक्षा की।

उन्होंने निर्देश दिया कि ग्राम सभाओं में तालाबों के पट्टों का आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाए ताकि किसी प्रकार के अतिक्रमण या कब्जे की संभावना न रहे। साथ ही, उन्होंने कहा कि मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन से पूर्व प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे बेहतर उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन लाभार्थियों को विभागीय योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है, उनके कार्यों का स्थल निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि योजनाओं का वास्तविक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ₹50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं का निरीक्षण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कराया जाए।

डॉ. निषाद ने यह भी कहा कि तालाबों में पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि गांव-गांव विशेष शिविर लगाकर लोगों को योजनाओं की जानकारी दी जाए, साथ ही पोस्टर व प्रचार सामग्री का वितरण कर जागरूकता बढ़ाई जाए।

बैठक में जिलाधिकारी राहुल पांडेय, पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा, मुख्य विकास अधिकारी पी.एन. दीक्षित, अपर पुलिस अधीक्षक, सहायक निदेशक (मत्स्य) सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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