
सिकंदराराऊ (हसायन) 24 अक्टूबर । कोतवाली क्षेत्र के इटरनी गांव में बीस अक्टूबर, दीपावली की रात को एक बारह वर्षीय छात्र कपिल की मौत के बाद परिवार और ग्रामीण अंधविश्वास में पड़ गए। कपिल, जो कक्षा चार का छात्र था, को सोते समय किसी जहरीले जंतु ने काट लिया था। परिजन सोमवार सुबह उसे कस्बा हसायन के अप्रशिक्षित क्लीनिक हॉस्पिटल में उपचार के लिए ले गए, लेकिन उपचार के बाद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। चिकित्सक ने परिजनों को दूसरे चिकित्सक के पास ले जाने की सलाह दी, लेकिन रास्ते में ही कपिल की मृत्यु हो गई। मृतक बच्चे को दूसरे चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर घर लौट आए। लेकिन मृतक के हाथ पर जंतु के काटने के निशान दिखने पर ग्रामीण और कुछ परिजन झाड़-फूंक कर उसे जिंदा करने की कोशिश करने लगे। इस प्रक्रिया में गांव के तांत्रिक और कई बॉयगीरों ने तीन दिन तक कपिल के शव को नीम की पत्तियों और गोबर में दबाकर रखा और छोटी-छोटी डालों से शरीर पर मार-पीट कर उसे पुनर्जीवित करने के प्रयास किए। तीन दिन तक लगातार प्रयास करने के बाद जब कोई सफलता नहीं मिली, तब परिजनों को एहसास हुआ कि अंधविश्वास में फंसकर उन्होंने अपने मृतक बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया। इस मामले की सूचना पुलिस को मिली और गुरुवार रात को पुलिस ने इटरनी गांव पहुंचकर परिजनों को समझाया। पुलिस ने शव को हाथरस पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कोतवाली प्रभारी गिरीश चंद्र गौतम ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने कहा कि इस घटना ने अंधविश्वास और चिकित्सकीय अनहोनी की खतरनाक मिलावट को उजागर किया है।















































