
सिकंदराराऊ (हसायन) 24 अक्टूबर । कस्बा के मोहल्ला अहीरान स्थित कृषि विभाग के राजकीय कृषि गोदाम कार्यालय में शुक्रवार को किसानों के लिए फसल की बचत और पराली अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गोदाम प्रभारी ने किसानों को धान और अन्य फसलों से निकलने वाले पराली अवशेष को जलाने से रोकने के महत्व के बारे में जानकारी दी। गोदाम प्रभारी ने किसानों को बताया कि यदि कोई किसान फसल की पराली जलाकर नष्ट करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई और जुर्माना भरना पड़ सकता है। उन्होंने समझाया कि पराली और फसल अवशेष को खेत में ही सड़ाकर जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है और आगामी फसल उत्पादन में सुधार होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है, जिससे समाज में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इसके अलावा सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना तय किया है: एक से दस बीघा भूमि पर पराली जलाने पर 5,000 रुपये, दस से पच्चीस बीघा पर 10,000 रुपये, और पच्चीस बीघा या उससे अधिक भूमि पर 30,000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। गोदाम प्रभारी ने किसानों से आग्रह किया कि वे फसल अवशेष को खेत में ही प्रबंधित करें और पराली जलाने से बचें, ताकि भूमि की उर्वरता बनी रहे, पर्यावरण सुरक्षित रहे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ कम हों।















































