
नई दिल्ली 23 अक्टूबर । देश भर में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के फैसले के बाद शिक्षकों का विरोध तेज हो गया है। इसके विरोध में कई शिक्षक संगठनों के मोर्चे ने 24 नवंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। इसके लिए 25 अक्टूबर से देश के सभी जिलों में जनसंपर्क और बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। शिक्षक संगठनों के संयुक्त मोर्चा अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस आंदोलन की तैयारियों को तेज कर दिया है। मोर्चे के राष्ट्रीय सह संयोजक अनिल यादव ने बताया कि 25 से 31 अक्टूबर तक पूरे देश के जिला मुख्यालयों में मोर्चे में शामिल सभी घटक संगठन शिक्षकों की बैठकें आयोजित करेंगे और अधिक से अधिक शिक्षकों को दिल्ली जंतर-मंतर पर पहुंचने के लिए तैयार करेंगे। इस दौरान स्कूलों में भी जनसंपर्क किया जाएगा। टीईटी लागू होने से उत्तर प्रदेश में लगभग 1,86,000 और देश भर में लगभग 10 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।
संयुक्त मोर्चा ने सरकार से तीन मुख्य मांगें रखी हैं
- टीईटी को अनिवार्य करने के आदेश में संशोधन किया जाए।
- शिक्षकों की सेवा को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- केंद्र सरकार संसद में अध्यादेश लाकर देश के शिक्षकों के हितों की रक्षा करे।
अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्य करने के आदेश के खिलाफ आंदोलन करना जरूरी हो गया है, और यह संघर्ष देश भर में लाखों शिक्षकों के समर्थन से होगा।














































