
नई दिल्ली 23 अक्टूबर । अगले महीने से बैंक ग्राहक अपने खाते में अधिकतम चार नामांकित व्यक्तियों का विकल्प चुन सकेंगे। इस सुविधा का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में दावों के निपटान में एकरूपता, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया कि बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम 2025 के तहत नामांकन से संबंधित प्रमुख प्रावधान 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होंगे। इस अधिनियम को 15 अप्रैल 2025 को अधिसूचित किया गया था और इसमें कुल 19 संशोधन शामिल हैं, जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों में बदलाव शामिल हैं। नए संशोधनों के अनुसार ग्राहक एक साथ या क्रमिक रूप से अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित कर सकते हैं। इसके तहत ग्राहक प्रत्येक नामित व्यक्ति के लिए हिस्सेदारी या पात्रता का प्रतिशत निर्धारित कर सकते हैं, जिससे कुल राशि सभी नामित व्यक्तियों के बीच पारदर्शी तरीके से वितरित हो सके। सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं और लॉकर के लिए केवल क्रमिक नामांकन की अनुमति होगी, ताकि निपटान में निरंतरता और उत्तराधिकार की स्पष्टता बनी रहे। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इन प्रावधानों के कार्यान्वयन से जमाकर्ताओं को अपनी पसंद के अनुसार नामांकन करने की सुविधा मिलेगी और बैंकिंग प्रणाली में दावा निपटान में एकरूपता सुनिश्चित होगी। इसके पहले 1 अगस्त 2025 से बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियम 2025 के कुछ प्रावधान पहले ही लागू हो चुके हैं, जिनमें एक से अधिक नामांकन करने, रद्द करने या निर्दिष्ट करने की प्रक्रिया और प्रपत्रों का विवरण शामिल है। बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम 2025 का उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासनिक मानकों को मजबूत करना, जमाकर्ता और निवेशक संरक्षण बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखा परीक्षा की गुणवत्ता सुधारना और बेहतर नामांकन सुविधाओं के माध्यम से ग्राहक सुविधा बढ़ाना है। इसमें सहकारी बैंकों में अध्यक्ष और निदेशकों के कार्यकाल को युक्तिसंगत बनाने के प्रावधान भी शामिल हैं।














































