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नई दिल्ली 21 अक्टूबर । कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिसर्च शाखा ‘कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी’ द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, दीपावली 2025 पर देशभर में कुल बिक्री 6.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची। इसमें वस्तु व्यापार 5.40 लाख करोड़ रुपये और सेवा व्यापार 65,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह अब तक का देश के व्यापार इतिहास का सबसे बड़ा त्योहारी कारोबार है। दिल्ली के चांदनी चौक के सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी दीपावली’ के आह्वान ने व्यापारियों और उपभोक्ताओं को अभूतपूर्व रूप से प्रेरित किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि 87% उपभोक्ताओं ने भारतीय वस्तुओं को विदेशी वस्तुओं पर प्राथमिकता दी, जिससे चीनी उत्पादों की मांग में तेज गिरावट आई। व्यापारियों ने कहा कि भारतीय निर्मित वस्तुओं की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में 25% बढ़ी है।

खंडेलवाल ने बताया कि दीपावली 2025 के आंकड़े पिछले वर्ष (₹4.25 लाख करोड़) की तुलना में 25% की वृद्धि दर्शाते हैं। इस वृद्धि का मुख्य योगदान गैर-कॉरपोरेट और पारंपरिक बाजारों ने दिया, जिन्होंने कुल व्यापार में 85% भागीदारी की। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि दीपावली बिक्री में किराना और एफएमसीजी 12%, सोना-चाँदी 10%, इलेक्ट्रॉनिक्स 8%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 7%, रेडीमेड परिधान 7%, गिफ्ट आइटम 7%, होम डेकोर 5%, फर्निशिंग/फर्नीचर 5%, मिठाई और नमकीन 5%, वस्त्र 4%, पूजन सामग्री 3%, फल और मेवे 3%, बेकरी और कन्फेक्शनरी 3%, फुटवियर 2%, और अन्य विविध वस्तुएं 19% शामिल हैं। रिपोर्ट में सेवा क्षेत्र में भी ₹65,000 करोड़ का व्यापार दर्ज हुआ, जिसमें पैकेजिंग, हॉस्पिटैलिटी, टैक्सी सेवाएं, ट्रैवल, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट एवं सजावट, मैनपावर और डिलीवरी जैसी सेवाओं ने भी अभूतपूर्व योगदान दिया। खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी दरों में राहत ने उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई। सर्वे में शामिल 72% व्यापारियों ने माना कि बिक्री में वृद्धि का मुख्य कारण जीएसटी दरों में कटौती है। उपभोक्ताओं ने भी मूल्य स्थिरता से संतुष्टि व्यक्त की, जिससे त्योहारी खर्च में निरंतरता बनी रही।

व्यापारी और उपभोक्ता विश्वास दोनों उच्चतम स्तर पर हैं। ट्रेडर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (टीसीआई) 8.6/10 और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (सीसीआई) 8.4/10 दर्ज किया गया। खंडेलवाल ने कहा कि यह उत्साह दीर्घकालिक रूप से स्थायी होने की संभावना है, जो नियंत्रित मुद्रास्फीति, बढ़ती आय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास से प्रेरित है। रोजगार एवं आर्थिक प्रभाव पर बोलते हुए खंडेलवाल ने बताया कि गैर-कारपोरेट एवं गैर-कृषि क्षेत्रों, जिसमें 9 करोड़ छोटे व्यापारी और लाखों विनिर्माण इकाइयाँ शामिल हैं, ने इस त्योहारी व्यापार से 50 लाख अस्थायी रोजगार उत्पन्न किए। ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों ने कुल व्यापार में 28% योगदान दिया, जो आर्थिक सशक्तिकरण का प्रमाण है। खंडेलवाल ने सरकार को कई सुझाव भी दिए हैं, जिसमें छोटे व्यापारियों और निर्माताओं के लिए जीएसटी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, क्रेडिट तक पहुंच आसान करना, टियर-2 और टियर-3 शहरों में लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग हब विकसित करना, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और शहरी बाजारों में यातायात, पार्किंग और अतिक्रमण प्रबंधन सुदृढ़ करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अभियान को सरकार और व्यापार जगत मिलकर निरंतर प्रोत्साहित करें।

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