हाथरस 21 अक्टूबर । दीपावली के शुभ अवसर पर पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के नेतृत्व में रिजर्व पुलिस लाइन हाथरस में दीपावली उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधिकारी, कर्मचारी एवं उनके परिजन, विशेष रूप से पुलिस परिवार के बच्चे, पूरे उत्साह और उल्लास के साथ इस पर्व में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत पूजा-अर्चना से हुई, जहाँ पुलिस अधीक्षक ने पारंपरिक विधि-विधान के साथ दीपावली की पूजा संपन्न कर सभी के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। पूजा उपरांत पुलिस कर्मियों और उनके परिवारजनों को मिष्ठान और उपहार सामग्री वितरित की गई। बच्चों ने इस अवसर पर उत्साहपूर्वक रंगोली सजाई, दीप प्रज्वलन किया और फुलझड़ियाँ, अनार, चकरी आदि चलाकर दीपोत्सव का आनंद लिया। उनकी आँखों में खुशी और चेहरे पर मुस्कान ने पूरे पुलिस लाइन परिसर को एक पारिवारिक और हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में बदल दिया। पुलिस परिवार की बालिकाओं और बच्चों द्वारा बनाई गई रंगोलियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इन रंगोलियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और दीपोत्सव की भावना बखूबी झलकी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और वामा सारथी प्रभारी सहित पुलिस परिवार की महिलाओं द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया, जिससे परिसर दीपों की रौशनी से जगमगा उठा। बच्चों के लिए विशेष रूप से मिठाइयाँ, चॉकलेट, टॉफी, बिस्किट और सुरक्षित पटाखे वितरित किए गए, जिससे उनके चेहरे पर आनंद की झलक साफ दिखाई दी। बच्चों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर दीपावली का पर्व मनाया और वातावरण में उल्लास और अपनापन का भाव भर दिया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, प्रतिसार निरीक्षक राजकुमार सिंह (प्रभारी वामा सारथी) सहित अनेक अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि पुलिस बल केवल एक ड्यूटीबल संरचना नहीं, बल्कि एक परिवार है। इस परिवार के प्रत्येक सदस्य का मनोबल ऊँचा रखना हमारी प्राथमिकता है। दीपावली जैसे पारिवारिक पर्व हमें अवसर देते हैं कि हम अपने जवानों और उनके परिवारों के साथ खुशियाँ बाँटें और उन्हें यह महसूस कराएँ कि वे अकेले नहीं हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और आयोजन में सहयोग देने वाले सदस्यों को बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। रिजर्व पुलिस लाइन हाथरस में आयोजित यह दीपावली कार्यक्रम पुलिस विभाग की मानवीयता, पारिवारिक एकता और संगठनात्मक सौहार्द का प्रतीक बन गया।