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सिकंदराराऊ (हसायन) 16 अक्टूबर । कस्बा और आसपास के ग्रामीण अंचलों में मौसम परिवर्तन के साथ वायरल मौसमी बुखार का प्रकोप शुरू हो गया है। इस मौसमी बुखार के दौरान कई अप्रशिक्षित झोलाछाप चिकित्सक और अवैध रूप से संचालित क्लीनिक, हॉस्पिटल तथा पैथोलॉजी लैब संचालक मरीजों का स्वास्थ्य जोखिम में डाल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बुखार के मौसमी सीजन में ये झोलाछाप चिकित्सक मरीजों को गंभीर बीमारियां होने का डर दिखाकर ड्रिप, इंजेक्शन और अनावश्यक रक्त परीक्षण कर आर्थिक और शारीरिक शोषण कर रहे हैं। कई मामलों में मरीजों के रक्त प्लेटलेट्स कम होने या चक्कर आने जैसी मामूली समस्याओं को गंभीर बताकर इलाज का नाम देकर पैसा वसूला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिला और स्थानीय अधिकारियों द्वारा बार-बार छापामार कार्यवाही और नोटिस जारी किए गए, लेकिन वास्तविक कार्रवाई न के बराबर हुई है। ऐसे झोलाछाप चिकित्सक बिना वैध डिग्री या प्रशिक्षण के अनाधिकृत क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं। हसायन कस्बा और आसपास के ग्रामीण अंचलों जैसे सलेमपुर, महौ, भैंकुरी, जरैरा, नगला रति, कैलोरा, हाथरस जंक्शन, लाडपुर, ऐहन, कैंशोपुर बरमाना, पोरा, बस्तोई में अनुमानित दो सौ से अधिक झोलाछाप चिकित्सक अपने अवैध क्लीनिक चला रहे हैं। हाल ही में सलेमपुर में एक झोलाछाप चिकित्सक मरीजों को ड्रिप इंजेक्शन लगाते हुए देखा गया। जब उसके क्लीनिक और वैधता के बारे में पूछा गया, तो उसने दावा किया कि वह क्षेत्रीय चिकित्सा प्रभारी से समय-समय पर मिलता रहता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सासनी के प्रभारी चिकित्साधिकारी दलबीर सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए बताया कि किसी भी अप्रशिक्षित चिकित्सक को वे नहीं जानते हैं और ऐसे झूठे दावे किए जा रहे हैं। नोडल स्वास्थ्य चिकित्साधिकारी एससीएमओ डॉ. एम.आई. आलम ने भी फोन पर जानकारी देने की बजाय मीटिंग का हवाला दिया। स्थानीय लोग स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से चिंतित हैं और मांग कर रहे हैं कि अप्रशिक्षित चिकित्सकों और अवैध क्लीनिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि वायरल बुखार और अन्य बीमारियों के दौरान मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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