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राजस्थान (जैसलमेर) 15 अक्टूबर । राजस्थान के जैसलमेर में हुए भीषण बस हादसे में 20 लोगों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। हादसे के बाद सड़क सुरक्षा नियमों और बसों के संचालन पर सवाल उठने लगे। गंभीर स्थिति को देखते हुए परिवहन विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है। देर रात से चल रहे इस अभियान के तहत जैसलमेर में अब तक 50 से अधिक बसों की जांच की गई, जिनमें कई बसें नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रही थीं।अधिकारियों ने बसों में पाई गई गंभीर खामियों पर तुरंत सख्त कार्रवाई की। इनमें शामिल हैं: क्षमता से अधिक सवारियां लेने और ओवरलोडिंग पर रोक, बिना वैध परमिट और फिटनेस प्रमाण पत्र के चलने वाली बसों पर कार्रवाई, टैक्स का भुगतान न करने पर कार्यवाही, और लगेज कंपार्टमेंट की जांच ताकि कोई ज्वलनशील या अवैध सामान न रखा गया हो। जैसलमेर हादसे में आग लगने के दौरान धमाकों की आवाजें भी सुनाई दीं। चश्मदीदों के अनुसार, बस में आग लगने के समय धमाके हुए, जिससे संभावना जताई जा रही है कि बस में पटाखे या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ रखा गया था। हादसे के पीछे मुख्य कारण संकरा गेट और बस में फंसे यात्री बताये जा रहे हैं। जांच अभी जारी है और हादसे के असली कारण स्पष्ट होने बाकी हैं। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर दो परिवहन अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं। निलंबित अधिकारियों में चित्तौड़गढ़ के DTO सुरेंद्र सिंह गहलोत और बस निरीक्षण में लगे सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल शामिल हैं। बताया गया कि जिस बस में आग लगी थी, वह चित्तौड़गढ़ जिले में रजिस्टर्ड थी और इसकी जांच की जिम्मेदारी इन अधिकारियों की थी।

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