
हाथरस (मुरसान) 13 अक्टूबर । पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार और सामाजिक संगठनों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने सोनू उर्फ ओमवीर सिंह और सूर्यदेव उर्फ देवा के साथ हुई घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। परिजनों का आरोप है कि 09 अक्टूबर को एक फर्जी एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अक्टूबर को पुलिस सोनू और देवा को पूछताछ के लिए मुरसान ले गई। शाम को परिजनों को सूचना मिली कि सोनू के पैर में गोली लगी है। संगठनों ने इसे पुलिस की मिलीभगत से की गई फर्जी मुठभेड़ बताया है। सोनू की मां का आरोप है पुलिस ने समझौता के नाम पर पैसे की मांग की। परिजनों को जांच के नाम पर थाने में रोके रखा और फिर गोली मारने की घटना को मुठभेड़ का रूप दे दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा, पीड़ित परिवार और क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई या न्यायिक स्तर पर जांच कराने की मांग की है। उन्होंने घटना में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी अपील की है। पीड़ित पक्ष ने सोनू उर्फ ओमवीर और सूर्यदेव उर्फ देवा के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने, पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि 15 अक्टूबर 2025 तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सर्व समाज और सामाजिक संगठनों द्वारा महापंचायत आयोजित की जाएगी। पंचायत में लिए गए निर्णयों की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। इस पूरे मामले को लेकर क्षेत्र में जन आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय संगठनों ने न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रताप चौधरी, भाकियू चौधरी चरण सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी धर्मेंद्र सिंह, जिला पंचायत सदस्य राजा गरुड़ध्वज सिंह, ठाकुर राम जादौन, किसान नेता हेमंत चौधरी, विष्णु चौधरी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।










