हाथरस 11 अक्टूबर । इगलास क्षेत्र के गांव बड़ाकला निवासी युवक से हुई पुलिस मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी करार दिया है। शनिवार दोपहर सैकड़ों ग्रामीण एकत्र होकर मुरसान कोतवाली पहुंचे और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ जमकर विरोध जताया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थाना हाथरस गेट, कोतवाली हाथरस, चंदपा थाना, महिला थाना एसओ, साथ ही सदर एसडीएम राजबहादुर सिंह और सीओ सदर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को 15 दिन में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
घटना की पृष्ठभूमि
बृहस्पतिवार को मुरसान कस्बा मोहल्ला वेश्यान गली, बनखंडी महादेव मंदिर निवासी व्यापारी अमित कुमार अग्रवाल ने अपने घर में हुई लूट की कोशिश को लेकर मुरसान कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शिकायत के अनुसार, 9 अक्टूबर की सुबह करीब 10:15 बजे दो नकाबपोश बदमाश उनके घर में लूट के इरादे से घुस आए थे। बदमाशों ने व्यापारी की मां आशा अग्रवाल और पत्नी शिल्पी पर तमंचा तान दिया, लेकिन नौकरों की आहट सुनकर फायरिंग करते हुए भाग गए।
पुलिस का दावा – मुठभेड़ में एक बदमाश घायल
घटना के खुलासे के लिए एसपी हाथरस ने सादाबाद सीओ के निर्देशन में चार टीमें गठित की थीं।
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार को उन्हें सूचना मिली कि गांव सुसावली मार्ग पर दोनों बदमाश जाने वाले हैं। इस पर एंटी थेफ्ट टीम, मुरसान पुलिस और मिशन शक्ति टीम ने चेकिंग अभियान शुरू किया।
इसी दौरान बाइक सवार दो युवकों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें ओमवीर उर्फ सोनू निवासी बड़ाकला, थाना इगलास, अलीगढ़ के पैर में गुली लगी। दूसरा युवक देवा निवासी बड़ाकला को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में देवा ने बताया कि ओमवीर और व्यापारी अमित अग्रवाल पहले से परिचित थे। ओमवीर को जानकारी थी कि उनके घर में काफी नगदी रखी है, जिस पर लूट की योजना बनाई गई।
दोनों ने घर पहुंचकर अमित की पत्नी से कहा कि “अमित भैया ने थैला भेजा है”, जैसे ही वह देखने लगीं, दोनों ने उन्हें अंदर खींच लिया और अमित की मां को भी तमंचे से धमकाया, लेकिन शोर मचने पर फायरिंग करते हुए भाग निकले।
ग्रामीणों का आरोप – पुलिस ने बेगुनाह को फंसाया
वहीं, बड़ाकला गांव के ग्रामीणों व पीड़ित के भाई अजय सिंह का कहना है कि ओमवीर निर्दोष है, पुलिस ने उसे फर्जी मुठभेड़ में फंसा दिया है। इसी विरोध में ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव किया और निष्पक्ष जांच की मांग की ।