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हाथरस 11 अक्टूबर । मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्यरत संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स द्वारा अज्ञात शवों का धार्मिक रीति-रिवाज से दाहसंस्कार कराया जा रहा है। इसी क्रम में संस्था के देखरेख में समाजसेवी सुनीत आर्य के नेतृत्व में एक अज्ञात युवक का दाहसंस्कार किया गया। दाहसंस्कार की संपूर्ण व्यवस्था में एडीएचआर उपाध्यक्ष हर्ष मित्तल का विशेष सहयोग रहा।

जानकारी के अनुसार 7 और 8 अक्टूबर की रात सासनी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत खंडेलवाल चौकी के ग्राम हडौली के पास रेलवे लाइन पर एक युवक का शव कटे हुए अवस्था में मिला था। युवक की उम्र लगभग 30 वर्ष बताई गई है। वह काली लाइनदार शर्ट और नीले रंग की जींस पहने हुए था तथा दाहिने हाथ में कलावा बंधा हुआ था। पुलिस ने शव की पहचान के लिए 72 घंटे तक शिनाख्त की प्रक्रिया चलाई, लेकिन पहचान न होने पर शव को लावारिस घोषित कर पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद थाना पुलिस ने समाजसेवी सुनीत आर्य और प्रवीन वार्ष्णेय से शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सौंपी। समाजसेवियों द्वारा शव का हिंदू रीति-रिवाज से विधिवत दाहसंस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय, समाजसेवी सुनीत आर्य, एनएसएस अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, आयोग दीपक, बंटी भाई कपड़े वाले, तरुण राघव, नीरज गोयल, दीपांशु वार्ष्णेय, टेकपाल कुशवाहा, कांस्टेबल लव गोस्वामी और होमगार्ड जयवीर सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम के माध्यम से एडीएचआर संस्था ने फिर एक बार यह संदेश दिया कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है, और लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करना समाज का नैतिक कर्तव्य है।

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