हाथरस 07 अक्टूबर । आज रावत शिक्षा समिति दिव्यांग नि:शुल्क आवासीय विद्यालय प्रशिक्षण केन्द्र, हाथरस के प्रांगण में तीन दिवसीय सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। यह शिविर 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक चलने वाला है और इसमें मूक-बधिर, दृष्टिहीन और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के साथ-साथ विद्यालय शिक्षक-शिक्षिकाएं और अभिभावक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन The Art of Living के तहत किया गया, जिसमें सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण के साथ योग और आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी शामिल था। शिविर में गुजरात से आई श्रीमती पूनम जी की टीम के साथ डॉ. शुमित और डॉ. हिमांशु ने विशेष सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण और स्वागत से हुई। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को सांकेतिक भाषा के माध्यम से योगासनों का अभ्यास कराया गया और उन्हें आंखों पर पट्टी बांधकर रंगों और पोस्टरों की पहचान करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके अतिरिक्त बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए सावधानी, मुसीबत से बचने के उपाय और आपातकाल में पुलिस या अन्य मदद लेने की जानकारी भी दी गई। बच्चों को प्रतिदिन योगाभ्यास करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी दी गई।
इस अवसर पर संस्था के संख्या अध्यक्ष डॉ. एम.एल. रावत ने विद्यालय और शिविर के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी और सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में पीयूष रावत, राजमाला जिला अध्यक्ष दिव्यांग विकास संगठन, दिव्यांग सैना के दुष्यंत पचोरी, डॉ. अरविंद कुमार, अर्चना शर्मा, अर्चना, हेमा देवी और संध्या कुमारी सहित लगभग 80 दिव्यांग बच्चे और उनके अभिभावक उपस्थित रहे। इस शिविर के माध्यम से बच्चों को न केवल सांकेतिक भाषा और योग का प्रशिक्षण मिला, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सुरक्षित जीवन जीने के महत्वपूर्ण उपाय भी सिखाए गए।