
सिकंदराराऊ (हसायन) 06 अक्टूबर । कस्बा के पुरदिनगर मार्ग स्थित वैवाहिक कार्यक्रम स्थल में सोमवार को श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। वृंदावन के संत श्रीनिवास पागल बाबा के सानिध्य में चल रही इस कथा महोत्सव में चित्रकूट के आचार्य अशोक वाजपेई ने भगवान श्रीराम और उनके छोटे भाई भरत के वनवास के प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया। आचार्य वाजपेई ने कहा कि जब भरत जी अपनी ननिहाल से लौटकर अयोध्या आए, तो उन्होंने सीधे भगवान श्रीराम से मिलने के लिए वन की ओर प्रस्थान किया। भगवान श्रीराम ने अपने छोटे भाई को देखते ही गले लगा लिया। भरत जी ने श्रीराम से अयोध्या लौटने की जिद की, लेकिन भगवान श्रीराम ने पितृ आज्ञा का पालन करने के लिए इंकार कर दिया। इसके बाद भरत जी अपने भाई की खंडाऊ लेकर अयोध्या लौट आए और उसी प्रकार जीवन यापन करने लगे जैसे भगवान श्रीराम वन में कर रहे थे। आचार्य अशोक वाजपेई ने कहा कि यदि सतयुग की भांति भाई-भाई मिलकर रहेंगे, तो घर में अयोध्या जैसा सुख और सामंजस्य कायम हो सकता है।










