हाथरस 06 अक्टूबर । पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में जनपद के सभी थानों में “मिशन शक्ति केंद्र” के सुचारु संचालन और महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से विशेष गोष्ठियाँ आयोजित की गईं। यह अभियान उत्तर प्रदेश सरकार के तहत चल रहे “मिशन शक्ति 5.0” का हिस्सा है। 06 अक्टूबर 2025 को आयोजित इन गोष्ठियों में प्रत्येक थाना प्रभारी ने अपने-अपने क्षेत्र के केंद्रों पर नियुक्त कर्मचारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और केंद्रों के संचालन, कार्यप्रणाली में समन्वय तथा महिला पीड़िताओं के साथ संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश दिए। गोष्ठियों का मुख्य उद्देश्य मिशन शक्ति केंद्रों के कार्यों को और अधिक सुव्यवस्थित, प्रभावी और संवेदनशील बनाना था। इसके तहत महिला पीड़िताओं को मिलने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और कर्मियों को नए दिशा-निर्देश देने पर विशेष जोर दिया गया। इन केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
गोष्ठियों में विशेष रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई और निर्देश जारी किए गए –
▶️ केंद्र का सुचारु संचालन: प्रत्येक केंद्र पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित की गई, जो दैनिक गतिविधियों के रिकॉर्ड और रिपोर्टिंग के लिए उत्तरदायी होगा। केंद्रों पर आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ जैसे बैठने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय और गोपनीयता बनाए रखने वाले कक्ष उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
➡️ महिलाओं के साथ संवेदनशील व्यवहार: कर्मचारियों को महिला पीड़िताओं के साथ सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किया गया। थाना परिसर में सुरक्षित, स्वच्छ और आत्मीय माहौल बनाने पर जोर दिया गया।
➡️ पीड़िता की काउंसलिंग: पीड़ित महिलाओं को मनोवैज्ञानिक सहायता, तनाव प्रबंधन और कानूनी प्रक्रिया में मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए गए।
➡️ हेल्पलाइन और त्वरित प्रतिक्रिया: 112, 1076, 181, 1090, 1098 जैसे हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार-प्रसार बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने और शिकायत निवारण प्रक्रिया को तेज़ करने पर जोर दिया गया।
आगे कहा गया कि प्रत्येक थाना अपने मिशन शक्ति केंद्र की मासिक समीक्षा करेगा और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें संवाद कौशल, कानूनी प्रक्रिया और मनोवैज्ञानिक सहायता जैसे विषय शामिल होंगे। साथ ही, जनता में इन केंद्रों की उपलब्धता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में विशेष अभियान चलाए जाएंगे। यह पहल जनपद में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मजबूत कदम साबित होगी और महिलाओं को न्याय व सहायता प्राप्त करने में और अधिक सशक्त बनाएगी।