हाथरस 05 अक्टूबर । शहर के व्यस्त रेलवे फाटकों पर लगने वाला जाम अब लोगों की रोजमर्रा की परेशानी बन चुका है। ट्रेनों की आवाजाही के दौरान घंटों तक फाटक बंद रहने से वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर रेलवे को शहर के तीन सबसे व्यस्त फाटकों पर ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव भेजा है। डीएम राहुल पांडेय ने बताया कि प्रशासन की ओर से बागला कॉलेज रोड, इगलास अड्डा रोड और बिजली कॉटन मिल चौराहा की क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाए जाने का प्रस्ताव रेलवे को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक रेलवे की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
तीन मुख्य क्रॉसिंग पर सबसे ज्यादा दबाव
रिपोर्ट के अनुसार, इन तीनों फाटकों से प्रतिदिन औसतन 7.33 लाख वाहन गुजरते हैं।
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क्रॉसिंग संख्या 308 सी (बागला कॉलेज रोड) से रोजाना लगभग 3,12,363 वाहन गुजरते हैं।
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क्रॉसिंग संख्या 310 (इगलास अड्डा रोड) से करीब 2,72,979 वाहन गुजरते हैं।
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क्रॉसिंग संख्या 307 बी (बिजली कॉटन मिल चौराहा) से प्रतिदिन लगभग 1,48,383 वाहन गुजरते हैं।
वाहनों की इतनी बड़ी संख्या ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है।
आपातकालीन सेवाएं भी होती हैं प्रभावित
जाम की स्थिति में कई बार एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और स्कूली वाहन घंटों तक फंसे रहते हैं। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ता है। यही कारण है कि इन स्थानों पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है।
रोज गुजरती हैं 40 ट्रेनें
मथुरा–कासगंज रेल खंड पर स्थित इन तीनों फाटकों से हर रोज करीब 40 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें 10 दैनिक पैसेंजर और लगभग 8 साप्ताहिक ट्रेनें शामिल हैं। इसके अलावा मालगाड़ियां भी लगातार इस ट्रैक से गुजरती हैं।
प्रत्येक दो घंटे में औसतन तीन बार फाटक बंद किए जाते हैं, जबकि ट्रेनों की क्रॉसिंग के दौरान फाटक 30 मिनट तक बंद रहते हैं। सबसे अधिक परेशानी बिजली कॉटन मिल फाटक पर होती है, क्योंकि यार्ड छोटा होने के कारण इसे खुलने में अन्य फाटकों की तुलना में अधिक समय लगता है।
पिछले सालों में बंद हो चुके हैं पांच फाटक
जिला प्रशासन ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में शहर के करीब पांच रेलवे फाटक बंद करने की अनुमति रेलवे को दी जा चुकी है। प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए बार-बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन रेलवे की ओर से ओवरब्रिज निर्माण को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।