हाथरस 29 सितम्बर। बुंदेलखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान बनी श्री अन्नपूर्णा रामलीला का इस वर्ष का आयोजन विशेष रहा। इस अवसर पर हाथरस के युवा राष्ट्रीय कवि राणा मुनि प्रताप मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए। मंच पर उनके पहुँचते ही रामलीला कमेटी ने फूल मालाओं और शाल ओढ़ाकर उनका भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वह क्षण रहा जब भगवान श्रीराम की आरती का सौभाग्य राणा मुनि प्रताप को प्राप्त हुआ। जैसे ही उन्होंने दीप प्रज्वलित कर आरती उतारी, पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के नारों और भक्ति संगीत से गूंज उठा। श्रद्धालुओं के बीच यह दृश्य अविस्मरणीय बन गया।
आरती के पश्चात राणा मुनि प्रताप ने अपने ओजस्वी और भावपूर्ण काव्यपाठ से पूरे वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। उनकी कविताओं ने जहां भक्ति और आस्था को प्रखर किया, वहीं श्रोताओं में साहित्यिक चेतना का भी संचार हुआ। उन्होंने कहा कि छतरपुर की यह रामलीला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि साहित्य, संस्कृति और समाज को जोड़ने वाला एक जीवंत मंच भी सिद्ध हो रही है। इस अवसर पर महाकवि श्री प्रकाश पटैरिया, लखन राजपूत, आशीष शर्मा, नारायण मिश्रा, शैलेन्द्र मिश्रा और अभिलाष मिश्रा सहित अनेक विद्वान, साहित्यकार और गणमान्यजन उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस ऐतिहासिक आयोजन को यादगार बना दिया।