
हाथरस 26 सितम्बर । श्री चामुंडा देवी मंदिर प्रांगण में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर चल रही श्री शिवपुराण महाकथा का आज चौथा दिन सम्पन्न हुआ। कथा का संचालन पंडित डॉ. गणेश चंद्र वशिष्ठ द्वारा किया गया। कथा में दक्ष यज्ञ विध्वंश, भोलेनाथ के कोप, सती के विरह व्याकुल दशा के कारण भगवान विष्णु द्वारा सती के अंगों के खंड-खंड होकर पृथ्वी पर गिरने और उन स्थलों को शक्तिपीठ के रूप में पूजनीय होने की घटनाओं का विस्तृत वर्णन किया गया। पंडित वशिष्ठ ने सती की तपस्या से प्राप्त वरदान, पर्वतराज हिमालय और मैना के घर पार्वती के पुनर्जन्म, देव यक्ष, गंधर्वों के मंगल गायन एवं नृत्य के साथ कथा का वर्णन किया। इसके अतिरिक्त पार्वती की तपस्या, भोलेनाथ के साथ विवाह रीति-रिवाज और शिव विवाह के महोत्सव का भी सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया। कथा में बाराती, भूत, पिशाच, देव, यक्ष, गंधर्व की वेशभूषा और साज-सज्जा का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया गया। हिमवान के भंडार में शुक्र-शनि के भूख और मैना के भोले की लीला जैसी घटनाओं का उदाहरण देकर कथा को और रोचक बनाया गया। भक्तों ने कथा का आनंद लेते हुए मंगल भजनों और नृत्य के साथ उत्सव मनाया। कार्यक्रम के यजमान सुभाष दीक्षित, नीरू दीक्षित अपने पुत्र-पुत्री और परिवार सहित उपस्थित रहे। मंदिर के महंत पाताल गिरी जी महाराज, संगम गिरी जी महाराज, विजय शर्मा, डॉ. अजय वर्मा, मनोज कुमार सिंह, दुष्यंत कुमार रंजन, पंडित संदीप भारद्वाज सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मूल पाठ का संचालन आचार्य पंडित मनोज द्विवेदी और पूजा कार्य पंडित गोविंद उपाध्याय द्वारा किया गया।














