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हाथरस 21 सितंबर । सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्र की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना भी की जाती है। 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है और समापन 2 अक्टूबर को होगा। हर वर्ष आ​श्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत सोमवार से हो रही है इसलिए माता हाथी पर सवार होकर घर-घर भक्तों को दर्शन देंगी। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है और देवी-पूजन का प्रथम और अत्यंत पवित्र संस्कार माना गया है। सीपूजी महाराज ने बताया इस बार नवरात्रि पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये अद्भुत संयोग लगभग 9 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की हुई थी। पहला इस बार नवरात्र 10 दिनों के होंगे। दूसरा इस बार 22 सितंबर को ग्रह नक्षत्रों का उत्तम योग बन रहा है। इस बार मंगल तुला राशि में होंगे, शुक्र सिंह राशि में, सूर्य कन्या राशि में, राहु कुंभ में और केतु सिंह में, गुरु कर्क में, शनि मीन राशि में रहेंगे। इसके अलावा हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी नवरात्र के पहले दिन बन रहा है। यह दिन कलश स्थापना के लिये बेहद शुभ होगा। वहीं इस बार माता की सवारी हाथी होगी, कहा जाता है कि हाथी पर माता की सवारी बहुत शुभ मानी जाती है। इस दिन हाथी पर आने का अर्थ है कि कृषि, व्यापार और पारिवारिक जीवन में लाभ और सकारात्मक बदलाव आएंगे। आचार्य सीपूजी महाराज ने बताया 22 सितंबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट है। वहीं दूसरा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त घटस्थापना कर सकते हैं।

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