हाथरस 18 सितंबर । शस्त्र अधिनियम 1959 एवं उससे सम्बद्ध नियमों के अन्तर्गत अवैध शस्त्रों के निर्माण वितरण आदि प्रक्रिया की निगरानी हेतु गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति एवं अभियोजन कार्यों, नार्को कोआर्डिनेशन सेन्टर मैकेनिज्म (NCORD) समिति के साथ कलेक्ट्रेट सभागर में बैठक करते हुए जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय ने अभियोजन अधिकारियों को आपराधिक मामलों में संलिप्त दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि आबकारी एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित कर जनपद की सीमा से लगे जिलों एवं अन्य राज्यों से आने-जाने वाले वाहनों की कड़ी निगरानी करने तथा मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु प्रवर्तन की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए। जिला विद्यालय निरीक्षक को विद्यालयों एवं कॉलेजों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री न हो, इसके लिए अभियान चलाकर दुकानों की जांच कराने के साथ ही विद्यार्थियों में जागरूकता हेतु शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्ति से संबंधित वॉल पेंटिंग एवं स्टीकर लगाए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे तत्व जो समाज को नुकसान पहुँचा रहे हैं, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन आम जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति पूर्णतः संवेदनशील है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने शस्त्र अधिनियम, 1959 एवं संबंधित नियमों के अंतर्गत अवैध शस्त्र निर्माण एवं क्रय-विक्रय पर रोक लगाने हेतु विशेष प्रवर्तन अभियान चलाकर सघन जांच कराने के निर्देश दिए। त्योहारों को देखते हुए पटाखा कारखानों की भी जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही स्पष्ट किया कि जनपद में किसी भी दशा में अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने विभिन्न धाराओं के तहत लम्बित मामलों तथा गुण्डा एक्ट, महिला अपराधों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए अभियोजन अधिकारियो को गम्भीर मामलों में रिहा हुए वादो की विवेचना कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। पुराने लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर चयन करते हुए निस्तारण करने की कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अभियोजन मामलों में अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर भी जोर देते हुए कहा कि अभियोजन कार्यों के प्रभावी और पारदर्शी निष्पादन से न्याय की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा। जिलाधिकारी ने गैंगस्टर चार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई तथा सभी अधिकारियों को गैंगस्टर गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही गैंगस्टर मामलों की सुनवाई में तेजी लाने हेतु अभियोजन पक्ष को और सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने महिला अपराधों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश देते हुए अभियोजन विभाग के अधिकारियों से कहा कि शासन के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन किया जाए। मुकदमों में प्रभावी तरीके से पैरवी की जाए, महिलाओं से संबंधित जो मुकदमे जैसे हत्या, अपहरण, बलात्कार आदि घटनाओं का चार्ट अलग बनाया जाए। उन्होंने आपराधिक मामलों में लिप्त अपराधियों को सजा दिलाने हेतु न्यायालयों में मुकदमों की प्रभावी ढंग से पैरवी करने के लिये अभियोजन अधिकारियों को कडे़ निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर, महिलाओं और बच्चों से संबंधित आपराधिक मामलों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें। अपराध करने के पश्चात अपराधियों को सजा न मिलने पर उनका मनोबल बढ़ता है और आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होती है। जो समाज के लिए ठीक नहीं है। अपराधी किसी भी दशा में सजा पाने से वंचित नही रहना चाहिए। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, अपर पुलिस अधीक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, उप निदेशक कृषि, जिला विद्यालय निरीक्षक, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, आबकारी अधिकारी, अभियोजन अधिकारी, थानाध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।