सिकंदराराऊ (हसायन) 13 सितंबर । मौसम परिवर्तन के साथ ही कस्बा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल मौसमी बुखार का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन इस बीच अप्रशिक्षित झोलाछाप चिकित्सक और अवैध पैथॉलॉजी लैब संचालक मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। स्थानीय और बाहरी अप्रशिक्षित चिकित्सक अवैध रूप से संचालित क्लीनिक, हॉस्पिटल और पैथॉलॉजी लैब के माध्यम से मरीजों का ड्रिप, इंजेक्शन और गलत उपचार कर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण कर रहे हैं। इन पैथॉलॉजी लैब संचालकों और झोलाछाप चिकित्सकों की मिलीभगत के कारण मरीजों को प्लेटलेट्स, TLC, DLC, H.V., मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों का गलत निदान कर उपचार के नाम पर शोषण किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई के नाम पर नोटिस देने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इसी कारण इन अवैध गतिविधियों में लगे चिकित्सक और लैब संचालक अपराधमय कार्यों को लगातार जारी रखे हुए हैं, जिससे कई वर्षों से मरीजों की जानें भी जा चुकी हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो इन अप्रशिक्षित क्लीनिक और पैथॉलॉजी लैब संचालकों के गलत उपचार मरीजों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि झोलाछाप चिकित्सक और पैथॉलॉजी लैब संचालक मौसम के बदलाव में वायरल बुखार के दौरान जनमानस को भ्रमित कर गलत निदान और इलाज कर आर्थिक लाभ कमाने में लगे हुए हैं, और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है।