हाथरस 13 सितंबर । जनपद हाथरस की तहसील सासनी के ग्राम नगला नन्नी माजरा (राजस्व ग्राम कौमरी) के ग्रामीण आज भी पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। बरसों से लंबित इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से संज्ञान लेने और तत्काल समाधान कराने की मांग की है। ग्राम निवासी अरविन्द सिंह गढ़वालिया ने ग्रामवासियों की ओर से बताया कि नगला नन्नी माजरा को सासनी–नानऊ मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला 1.5 किमी लंबा संपर्क मार्ग दशकों से कच्चा व कीचड़युक्त है। बरसात या आपातकालीन स्थिति में यह रास्ता दलदली हो जाता है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है। ग्राम में 1997 से आंगनबाड़ी केंद्र और 2002-03 से प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि यह पूर्णतः आबाद गांव है। ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधियों और पीडब्ल्यूडी विभाग को कई बार लिखित व मौखिक शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। RTI में पीडब्ल्यूडी जेई ने गांव की आबादी मात्र 110 बताई, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अनुसार वास्तविक संख्या लगभग 560 (292 पुरुष, 268 महिलाएं) है। 2011 की जनगणना में भी भ्रम फैलाया गया, जिससे नगला नन्नी जैसे मजरों की उपेक्षा हो रही है। स्थानीय समाचार पत्रों में भी “आबादी पूर्ण, फिर भी सड़क निर्माण नहीं” शीर्षक से इस समस्या को प्रकाशित किया गया। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें 40014425004750 व 60000250157520 दर्ज हैं, पर समाधान नहीं हुआ। इसी संदर्भ में पीएमओपीजी पर भी शिकायत PMOPG/E/2025/0115892 दर्ज है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से विद्यालय जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को भारी परेशानी होती है। आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस या अन्य वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाते, जिससे कई बार जानलेवा स्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं। ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि “ग्राम नगला नन्नी माजरा राजस्व ग्राम की श्रेणी में नहीं आता” – इस आधार पर शासन योजनाओं से वंचित रखना न केवल अन्याय है बल्कि सरकार की “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” नीति के विपरीत है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से तत्काल प्रभावी कदम उठाकर सड़क निर्माण कराने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर अब भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।