सिकंदराराऊ (हसायन) 11 सितम्बर । कस्बा व देहात क्षेत्र में मौसम परिवर्तन होते ही वायरल मौसमी बुखार के प्रकोप के प्रारंभ होते ही अप्रशिक्षित स्तर के झोलाछाप चिकित्सक एवं अवैध रूप से संचालित हॉस्पीटल पैथोलॉजी लैब संचालकों की मनमानी रूकने का कतई नाम नही ले पा रही है।कस्बा व देहात क्षेत्र में इन दिनों वायरयल फीवर का प्रकोप चल रहा है।हर गांव के गली मुहल्लों व घर में हर परिवार में कोई न कोई सदस्य आएदिन बुखार जैसें रोग से पीडित चल रहा है।बुखार के मौसमी सीजन आते ही कस्बा से लेकर जगह जगह पर अवैध रूप से अप्रशिक्षित स्तर के स्थानीय व बाहरी व्यक्तियों के द्वारा क्लीनिक,हॉस्पीटल,दुकानों पर अवैध अप्रशिक्षत स्तर के पैथॉलॉजी लैब संचालकों की मिलीभगत से उपचार व रक्त परीक्षण के नाम पर जनसमुदाय के विभिन्न मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड किया जा रहा है।अप्रशिक्षित स्तर के अवैध झोलाछाप चिकित्सकों के अपंजीकृत अवैध रूप से संचालित क्लीनिक,हॉस्पीटल,प्रतिष्ठानों पर स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय व स्थानीय जिम्मेदारों के द्वारा छापामार कार्यवाही किए जाने के नाम पर नोटिस चस्पा कर अपने दायित्व कर्तव्य से इति श्री कर ली गई है।स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इन दिनों वायरल मौसमी बुखार को अप्रशिक्षित स्तर के झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा क्लीनिक हॉपीटल पर अनाधिकृत रूप से डिग्री धारक बाहरी चिकित्सकों की अनुपलब्धता के बाबजूद भी पैथॉलॉजी लैब संचालकों के साथ मिलकर जन स्वास्थ्य के साथ उपचार के नाम पर ड्रिप,इंजेक्शन लगाकर मरीजों का आर्थिक, मानसिक, शारीरिक शोषण करने में लगे हुए है।वर्तमान में चल रहे मौसमी बुखार के प्रकोप के चलते कस्बा हसायन के बाजार गडोला मार्ग,अंडौली मार्ग,मोहल्ला दखल,कौंडरा मार्ग,पुरदिलनगर मार्ग,चूडी बाजार,बांण रोड,हसायन मार्ग के अलावा गली मुहल्लों कछियान कलां,जाटवान,पंडित दीनदयाल उपाध्याय तिराहा मार्ग के साथ देहात क्षेत्र के गांव नगला रति, सलेमपुर, महौं, भैंकुरी, पोरा, पुरदिलनगर, बपंडई, हैथा रघुनाथपुर,बस्तोई में अप्रशिक्षित स्तर के झोलाछाप चिकित्सकों,हॉस्पीटल संचालकों के द्वारा पैथॉलॉजी लैब संचालकों के साथ मिलकर वायरल मौसम बुखार में प्लेटलेटस, टीएलसी, डीएलसी, एच.वी. एमपी विडायल कम होने को मच्छर जनित रोग से पीडित बुखार के विभिन्न स्वरूप जैसे मलेरिया,टाइफाइड बताकर गलत तरीके से उपचार कर जनमानस के साथ स्वास्थ्य से खिलवाड कर आर्थिक हानि कर शोषण करने में लगे हुए हैं।पिछले कई वर्षो से सक्रिय झोलाछाप स्तर के चिकित्सक व पैथॉलॉजी लैब संचालकों के द्वारा उपचार कर अब तक कई मरीजों की जान भी ले चुके है।अगर यही हाल रहा तो कहीं अप्रशिक्षित पैथॉलॉजी लैब,क्लीनिक,हॉस्पीटल,प्रतिष्ठान संचालकों के द्वारा किया जा रहा उपचार मरीजों की जान लेना प्रारंभ न कर दें।अप्रशिक्षित झोलाछाप स्तर के पैथॉलॉजी लैब,क्लीनिक,हॉस्पीटल,चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों के खिलाफ किसी भी जिम्मेदार के द्वारा कार्यवाही नही किए जाने से मकडजाल की तरह बढते जा रहे है।इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ.अंकुश सिंह ने बताया कि अप्रशिक्षित स्तर के झोलाछाप चिकित्सकों के यहां पर स्थानीय स्तर से पूरी टीम भेजी गई थी।हमने सभी झोलाछाप पैथॉलॉजी लैब संचालकों के अलावा हॉस्पीटल व क्लीनिक पर मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों के यहां पर नोटिस दे दिए और प्रतिष्ठानों पर चस्पा भी करा दिए गए थे।ज्यादातर झोलाछाप चिकित्सक अपने क्लीनिक बंद करके फरार हो जाते है।झोलाछाप चिकित्सक,पैथॉलॉजी लैब,हॉस्पीटल क्लीनिक संचालकों के खिलाफ कार्यवाही के लिए हमने हसायन व सिकन्द्राराऊ में लिखित शिकायती पत्र भी दे दिया है।अभी तक किसी भी झोलाछाप के द्वारा अपने पंजीकरण,शैक्षिक योग्यता के बारे में कोई जानकारी नही दी गई है।