हाथरस 10 सितंबर । उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार तथा जनपद न्यायाधीश विनय कुमार के आदेशानुसार जनपद न्यायालय, हाथरस में तीन दिवसीय (10 से 12 सितम्बर 2025) लघु आपराधिक वादों की विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष लोक अदालत का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में किया जा रहा है। प्रथम दिवस (10 सितम्बर 2025) की लोक अदालत में कुल 57 लघु आपराधिक वादों का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाथरस जयहिन्द कुमार सिंह की अदालत से 20 वादों का निस्तारण हुआ।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाथरस दीपकनाथ सरस्वती की अदालत से 10 वादों का निस्तारण किया गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सादाबाद आशीष थिरानिया की अदालत से 01 वाद का निस्तारण हुआ। सिविल जज (व.प्र.)/एफ.टी.सी., हाथरस अनु चैधरी की अदालत से 02 वादों का निस्तारण हुआ। न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिकन्द्राराऊ दीपा सैनी की अदालत से 08 वादों का निस्तारण किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट, सादाबाद आंचल चन्देल की अदालत से 02 वादों का निस्तारण हुआ। सिविल जज (क.प्र.)/एफ.टी.सी.-द्वितीय, हाथरस हर्षिका रस्तोगी की अदालत से 12 वादों का निस्तारण किया गया। सिविल जज (क.प्र.)/एफ.टी.सी.-प्रथम, हाथरस खुशबू चन्द्रा की अदालत से 02 वादों का निस्तारण हुआ।
विशेष लोक अदालत के दौरान अपर जनपद न्यायाधीश व नोडल अधिकारी महेन्द्र श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रशान्त कुमार सहित समस्त न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता एवं वादकारी उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव ने जानकारी दी कि 13 सितम्बर 2025 को जनपद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें शमनीय वाद, दीवानी, राजस्व, मोटर वाहन दुर्घटना, पारिवारिक, बैंक वसूली, धारा 138 एन.आई. एक्ट, विद्युत चोरी, नगर निगम, वाटर टैक्स, जलकर वाद, स्थायी लोक अदालत के मामले व जिला उपभोक्ता विवाद जैसे प्रकरणों का निस्तारण आपसी सुलह-सहमति के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएँ, क्योंकि लोक अदालत में निस्तारित मामलों की अपील नहीं होती, जिससे समय और धन की बचत होती है तथा दोनों पक्षों की जीत होती है। साथ ही, आपसी सुलह-सहमति से निस्तारित सिविल वादों में जमा कोर्ट फीस भी वापस कर दी जाती है।