हाथरस 09 सितंबर । आज मेला पांडाल में दलित साहित्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ बसपा नेता डॉ. अविन शर्मा ने फीता काटकर किया। तत्पश्चात बौद्ध वंदना के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। दीप प्रज्वलन में डॉ. अविन शर्मा, राजकपूर, संजू भैया, पंकज प्रेमाकर, सुनील पत्रकार, गीता सिंह, चरण सिंह, राहुल सिंह तथा कार्यक्रम संरक्षिका शुषमा सिंह शामिल रहे। कवि सम्मेलन में उपस्थित कवियों ने अपने काव्य पाठ से सैकड़ों श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम के संयोजक शिवम आज़ाद, दीपक, निमेष, रोहित आंबेकर और अन्य आयोजकों ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। संचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय कवि शिवम कुमार आज़ाद ने संभाली।
कार्यक्रम में प्रमुख कवि प्रस्तुतियाँ इस प्रकार रहीं
- होरीलाल व्यास (कासगंज): “तुम्हारी जय हो भीम महान, बने तुम दुखियों के भगवान, दिलाया दलितों को सम्मान।”
- पद्म अलबेला (राष्ट्रीय हास्यकवि): “आप आये हैं कविता श्रवण कीजिये, भीम बाबा को पहले नमन कीजिये।”
- सबरस मुरसानी (लाफ्टर चैंपियन कवि): “वह स्थल पवित्र और शुद्ध है, जहाँ पर भगवान बुद्ध है।”
- डॉ. अजय अटल (अंतरराष्ट्रीय गीतकार): “युद्ध से बचो, बुद्ध को चुनो, आत्ममंथन करो स्वयं की सुनो।”
- अवशेष (आगरा): “अगर सोते रहे यूँ ही, सबेरा हो नहीं सकता, सफलताओं का जीवन में बसेरा हो नहीं सकता।”
- हेमा पाण्डेय (लखनऊ): “दर्द दिल का मिटाने चले आये हैं, काव्य के ही बहाने चले आये हैं।”
- पूनम सागर: “जय भीम एक आँधी है, जय भीम तूफान है। जब उठती गूंज भीम की, तो आ आता उफान है।”
इस अवसर पर मनजीत मेहरा, सविता अम्बेडकर और वंदना सिदार्थ की विशेष प्रस्तुति भी रही।