हाथरस 07 सितंबर । श्री दाऊजी महाराज के 114वें मेले-2025 में आयोजित श्री वेद भगवान की परावर्तन यात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम और वैदिक विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुआ। यह आयोजन उत्तर प्रदेश शासन के अधीन प्रादेशिक स्तर पर सम्पन्न किया गया। किला स्थित श्री वेद भगवान शिविर में प्रातः काल नित्य वेदार्चन, वेद पाठ और हवन यज्ञ के पश्चात परावर्तन यात्रा हेतु विष्णु यज्ञ पूर्णाहुति का आयोजन किया गया। इसमें आचार्य बागीष कुमार शर्मा, पं. गणेश चंद्र वशिष्ठ, पं. राघव वशिष्ठ, पं. संतोष मुखिया, पं. भगवती प्रसाद शर्मा, पं. मनोज द्विवेदी, पं. रूप राम शर्मा सहित विद्वानों ने मंत्रोच्चार के बीच हवन अनुष्ठान सम्पन्न कराया।
महोत्सव सभापति शौर्य शर्मा, श्री वेद भगवान के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र स्वरूप शर्मा “फौजी”, सत्येंद्र स्वरूप शर्मा, देव स्वरूप शर्मा, पारुल शर्मा व आदित्य शर्मा ने यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी हवन में आहुति अर्पित की और उन्हें अध्यक्ष द्वारा पीत पटिका एवं श्री वेद भगवान का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
पूर्णाहुति के बाद वेद भगवान शिविर जयकारों से गूंजायमान हो उठा—“जय श्री विष्णु भगवान, जय श्री वेद भगवान, दाऊजी महाराज की जय, रेवती मैया की जय, धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, गौ माता की जय, भारत माता की जय, हर हर महादेव।” इसके उपरांत 101 भक्त जनों, विद्वानों व जनप्रतिनिधियों को प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। पूजन-अर्चन और आरती के बाद गणेश जी तथा चारों वेदों सहित देवी-देवताओं के चित्रपटों को वैदिक विधि-विधान से रथ पर स्थापित कर परावर्तन यात्रा का शुभारंभ किया गया। नगर के प्रमुख बाजारों से होती हुई यात्रा में भक्तों ने जयकारों के साथ पुष्पवृष्टि कर स्वागत किया। कमला बाजार स्थित श्री कामेश्वर नाथ मंदिर पर सभी देवी-देवताओं की स्थापना की गई, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विद्वानों ने श्लोकों द्वारा पूजा-अर्चना की। अंत में सभी विद्वानों को पीत पटिका व दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया और देवी-देवताओं से अपने-अपने स्थान पर स्थापित होने की प्रार्थना की गई। श्री वेद भगवान के अध्यक्ष ने सभी आचार्यों, विद्वानों और भक्तजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुई शोभायात्रा आज अनंत चतुर्दशी को निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हुई।