हाथरस 04 सितम्बर । जिला कृषि रक्षा अधिकारी निखिल देव तिवारी ने बताया कि जनपद में खरीफ की फसलें धान, मक्का और बाजरा इस समय कुछ स्थानों पर रोग एवं कीटों से प्रभावित हो रही हैं। किसानों को समय पर सतर्क रहकर रोग/कीट नियंत्रण एवं बचाव के उपाय करने की सलाह दी गई है।
धान फसल
- बकानी/झंडा रोग : इसके नियंत्रण हेतु प्रोपीकोनाजोल, कार्बेन्डाजिम + मैंकोजेब, थायोफिनेट मिथाइल, स्ट्रेप्टोसाइक्लिन, ट्राईकोडर्मा हरजिनियम या कॉपर सल्फेट + मैंकोजेब का प्रयोग 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
- तना छेदक : फेरोमोन ट्रैप (6-8 प्रति हेक्टेयर) लगाएं। रासायनिक नियंत्रण हेतु क्यूनालफॉस, फिप्रोनिल, क्लोरेन्टानिलीप्रोल या कारटाप हाइड्रोक्लोराइड का प्रयोग करें।
- पत्ती लपेटक : नियंत्रण के लिए कारटाप हाइड्रोक्लोराइड अथवा क्यूनालफॉस या बाईहेन्थिन का प्रयोग करें।
- शीथ ब्लाइट : नियंत्रण हेतु थायोफिनेट मिथाइल, डाइफेनोकोनाजोल अथवा स्यूडोमोनास का प्रयोग करें।
मक्का/बाजरा फसल
- फॉल आर्मी वर्म (सूंडी) : नियंत्रण हेतु इमामेक्टिन बेन्जोएट, क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल, स्पाइनेटोरम अथवा कार्बोसल्फान का प्रयोग 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि समय-समय पर खेतों की निगरानी करें और रोग या कीट दिखने पर विभागीय सलाह के अनुसार ही दवाइयों का छिड़काव करें, जिससे फसल को नुकसान से बचाया जा सके।