हाथरस 04 सितम्बर । उत्तर प्रदेश शासन के अंतर्गत श्री दाऊजी महाराज का 114वां प्रादेशिक लक्खी मेला 2025 भक्ति और श्रद्धा के वातावरण में प्रारंभ हुआ। किला स्थित श्री वेद भगवान शिविर में प्रातःकाल आचार्य नमन कौशल्य पं. राघव वशिष्ठ ने अपने सहयोगियों के साथ वेदार्चन, वेद पाठ और हवन-यज्ञ संपन्न कराया। शाम को आयोजित धार्मिक कवि सम्मेलन का शुभारंभ वरिष्ठ कवि श्यामबाबू चिंतन और डॉ. उपेंद्र झा के संयुक्त संयोजन में हुआ। सर्वप्रथम दीपक रफी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, इसके बाद बाबा देवी सिंह निडर ने दाऊजी महाराज वंदना और प्रभु दयाल प्रभु जी ने अपने बांसुरी वादन से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
वरिष्ठ कवि प्रदीप पंडित ने अपने उत्साहपूर्ण छंदों से सभा को झूमने पर मजबूर कर दिया—“एक बार बोल, हजार बार बोल, वेद भगवान की जय बार-बार बोल…”। बाबा देवी सिंह निडर ने “मुरली वालों ही मेरे बृज को रखवालो है, कन्हैया ही इष्ट हमारौ है” की रचना प्रस्तुत की, जबकि प्रभु दयाल प्रभु जी ने “त्रेता में लक्ष्मण बने, द्वापर में बलराम” के छंदों से भक्तों को भावविभोर कर दिया। सभी के आग्रह पर श्री वेद भगवान समिति अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र स्वरुप शर्मा ने भी मुक्तक प्रस्तुत किया, जिससे पूरा शिविर “जय जय” और “मोहन मुकुंद” के जयघोषों से गूंज उठा। इस अवसर पर सत्येंद्र स्वरुप शर्मा, बृजेश वशिष्ठ, जयशंकर पाराशर ने सभी भक्तजनों का अंगवस्त्र और पीत-पटिका पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में विशाल सारस्वत, ऋषभ शर्मा, सुमन शर्मा, प्रदीप पंडित, कालीचरण, प्रभु दयाल दीक्षित, देवी सिंह निडर, देव स्वरुप शर्मा, आदित्य शर्मा, हरि कृष्ण गौड़, राजू शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।
अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र स्वरुप शर्मा ने सभी कविजनों को श्री वेद भगवान का प्रतीक चिन्ह और प्रसादी भेंट कर सम्मानित किया। अंत में पूरा शिविर “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, विश्व का कल्याण हो, गौ माता की जय, भारत माता की जय, हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा और धार्मिक कवि सम्मेलन का समापन हुआ।