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हाथरस 04 सितम्बर । श्यामकुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इण्टर काॅलेज एवं तरफरा रोड़ स्थित आरकेएसके इण्टरनेशनल स्कूल में प्रमुख शिक्षाविद एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया। वक्ताओं ने स्वर्गीय सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए कहा कि उन्होनें शिक्षकों को सर्वोच्च सम्मान देते हुए अपने जन्मदिवस को शिक्षक-दिवस के रूप में मनाया। उनका विचार था कि (गु) अर्थात अंधकार (रू) अर्थात प्रकाश इसलिए जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये वो गुरू है। शिक्षक उस दीपक की तरह से है, जो स्वंय को जलाते हुए अपने शिष्यों को ज्ञान से प्रकाश से समाहित कर देता है। सच्चा गुरू वह है जो अपने शिष्य से किसी भी भौतिक वस्तु कि कामना नहीं करता और वही शिष्य ऊँचाईयों को स्पर्श करता है जो अपना सब कुछ गुरू के चरणों में समर्पित कर देता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाचार्य स्वतंत्र कुमार गुप्त ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षक का दायित्व शिक्षा देने तक सीमित न होकर कर छात्र-छात्राओं का चारित्रिक मानसिक नैतिक एवं सर्वांगीड़ विकास करना है। गुरू उन सीड़ियों की तरह है जिन पर चढ़कर विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर अपने जीवन उपवन को सुरभित एवं सुगंधित करते हैं। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में बालक-बालिकाओं में शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है और वह नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों में गिरावट की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों का आवाहन करते हुये कहा कि वह छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास को समर्पित हों जिससे भारत संपूर्ण संसार में विश्व गुरू बनकर अपनी विजय दुंदुभी बजा सके।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अदम्य उत्साह एवं उल्लास के साथ अपने कक्षा-कक्षों की मनमोहक सजावट की जिसे कोर्डिनेटर शैलकांता गुप्ता, प्रसाशनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता एडवोकेट, प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय, आर0के0एस0के0 की प्रधानाचार्या ज्योति सिंह, उप प्रधानाचार्या साजिया रफीक खान, संजय मिश्रा, गिरीश वर्मा, सारिका सोनी, द्वारा अवलोकित किया गया, तथा छात्र-छात्राओं द्वारा लाये गये केक को काटकर डाॅ0 राधाकृष्णन का जन्म दिवस पूर्ण उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम प्रतिभा करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में निधी चतुर्वेदी, काजोल वाष्र्णेय, हिमाशु वाष्र्णेय, निधी अरोरा, रिया जैन, बबिता भारद्वाज, मानसी वर्मा, सत्यवती, राधा सारस्वत, दुर्गेश सिंह, कनक शर्मा, प्रिया गहलौत, पुनीत वाष्र्णेय, आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 रेखा जादौन एवं गजल सौखिंया द्वारा किया गया। अंत में संस्था के डायरेक्टर स्वंतत्र कुमार गुप्त ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों से डाॅ0 राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।

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