हाथरस 04 सितंबर । जैसा कि हम सब जानते हैं कि किसी भी राष्ट्र की सफलता उसके शिक्षकों पर निर्भर होती है। अच्छे शिक्षक देश को कुशल, मेधावी, परिश्रमी, देश के हितैषी नागरिक प्रदान करते हैं। यहीं सोचकर देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो एक दार्शनिक होने के साथ-साथ एक शिक्षक भी थे, उन्होंने अपना जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी तभी से हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना तथा विद्यालय के प्रबंधक कपिल लोहिया, कोषाध्यक्षा मधु लोहिया, प्रधानाचार्य कपिल भाटिया जी के करकमलों द्वारा दीप प्रज्जवलन करके मां सरस्वती व डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण करके हुआ।
विद्यालय के कक्षा-12 के छात्रों ने कक्षा-9 से 11 तक के छात्रों को पढ़ाया। कक्षा-12 के छात्र आज अध्यापक का रोल निभाते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे तथा वे स्वयं को गौरवान्ति महसूस कर रहे थे उन्होंने अपने जूनियर्स को बड़े ही प्यार से पढ़ाया। कार्यक्रम में कुछ छात्रों ने अपने प्रिय शिक्षकों के सम्मान में गायन तथा नृत्य प्रस्तुत किए तथा डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन तथा आदर्शो पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों के महत्व को समझाया कि शिक्षक हमारे मार्ग दर्शक, प्रेरणास्त्रोत तथा जीवन निर्माता होते हैं। विद्यालय के प्रबंधक कपिल लोहिया ने कॉलेज के दिनों को तथा अपने शिक्षकों को याद किया तथा उनके महत्व को बताया वहीं प्रधानाचार्य कपिल भाटिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि किस प्रकार शिक्षक समाज का आधार स्तम्भ होते है वे ज्ञान के भण्डार होते है तथा एक दीपक की तरह किस तरह अपने छात्रों के जीवन में प्रकाश भर देते हैं। अन्त में उन्होंने शिक्षक के कार्य को कठिन और महत्वपूर्ण बताया।