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हाथरस 23 अगस्त । असहाय, लावारिस और बीमारों की सेवा के संकल्प के साथ संचालित अपना घर आश्रम हाथरस में एक मार्मिक घटना सामने आई। थाना हसायन पुलिस ने 4 अगस्त 2025 को सुनील नामक एक असहाय और मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को आश्रम में भर्ती कराया था। लगभग 15 दिनों की सेवा और उपचार के बाद सुनील ने अपने घर-परिवार के बारे में जानकारी दी और अपने भाई का नंबर बताया। संपर्क करने पर पता चला कि सुनील मूल रूप से उन्नाव जिले के कुशालपूर्वा गांव के निवासी हैं। वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में रहकर रोजी-रोटी कमाते थे। लगभग एक माह पूर्व वे दिल्ली से अपने गांव के लिए निकले थे, लेकिन उसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला। परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कश्मीरी गेट थाने में दर्ज कराई थी और परिजन उनकी तलाश में दर-दर भटक रहे थे। विगत 18 अगस्त को जब सुनील के पिता शिवकुमार अपने परिजनों के साथ अपना घर आश्रम पहुंचे और अपने बेटे को सकुशल देखा तो उनकी आंखें खुशी से नम हो गईं। परिवार ने भावुक होकर बताया कि सुनील के घर पर पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं। बेटे को जीवित देखकर पूरे परिवार का दर्द खुशी में बदल गया। आश्रम के सचिव चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा कि अपना घर आश्रम प्रभु सेवा का मंदिर है, जहां हर असहाय, लावारिस और बीमार की सेवा ठाकुरजी की सेवा समझकर की जाती है। उन्होंने कहा कि संसाधनों की व्यवस्था स्वयं ठाकुरजी विभिन्न माध्यमों से करते हैं। यदि इस युग में प्रभु की लीला देखनी हो, तो अपना घर आश्रम आकर देख सकते हैं।

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