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नई दिल्ली 20 अगस्त । राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) की ओर से NEET PG Result 2025 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। जिन उम्मीदवारों को नीट पीजी रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार था, अब वे आधिकारिक वेबसाइट natboard.edu.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख और डाउनलोड कर सकते हैं। बता दें, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड की ओर से नीट पीजी का रिजल्ट पीडीएफ फॉर्मेट में जारी किया गया है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट nbe.edu.in पर जाकर रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन आईडी, जन्मतिथि और पासवर्ड की मदद से तुरंत अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

ऐसे करें रिजल्ट चेक

NEET PG Result 2025 रिजल्ट देखने और डाउनलोड करने के लिए उम्मीदवार यहां बताए गए स्टेप्स की मदद से रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं।

  • रिजल्ट डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट nbe.edu.in पर जाकर विजिट करें।
  • वेबसाइट के होम पेज पर NEET-PG 2025 लिंक पर क्लिक करें।
  • अब निर्धारित लॉगिन क्रेडेंशियल को दर्ज करें।
  • लॉगिन क्रेडेंशियल को दर्ज करने के बाद रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर ओपन हो जाएगा।
  • रिजल्ट डाउनलोड करने के बाद अंत में इसका एक प्रिंट आउट भी अवश्य निकाल लें।

इस दिन हुई थी परीक्षा

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) की ओर से  NEET PG परीक्षा का आयोजन विभि्न परीक्षा केंद्रो में 3 अगस्त 2025 को किया गया था। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए लगभग 2.42 उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया था। हालांकि नीट रिजल्ट के बाद आज उन सभी 2.42 उम्मीदवारों का इंतजार खत्म हो गया है, जो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए NEET PG Result का इंतजार कर रहे थे। इसके अतिरिक्त सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे रिजल्ट डाउनलोड करने के बाद उसमें अपना नाम और रोल नंबर आदि की जांच ध्यानपूर्वक तरीके से कर लें।  देशभर के उन छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर है, जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के प्रमुख डॉ. अभिजीत शेट के अनुसार, मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्नातक (MBBS) और स्नातकोत्तर (PG) स्तर पर लगभग 8,000 नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जा सकती हैं।

NEET-UG काउंसलिंग जारी, PG काउंसलिंग सितंबर से

नीट-यूजी की पहली काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और दूसरी राउंड 25 अगस्त से शुरू होगा। वहीं, पीजी काउंसलिंग के लिए कॉलेज निरीक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और सितंबर से काउंसलिंग होने की संभावना है।

CBI जांच के बीच आई राहत की खबर

जुलाई में CBI ने स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC अधिकारियों सहित निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार और नियमों की गड़बड़ी का मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीटें बढ़ाने और नए कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी गई थी। लेकिन अब डॉ. शेट ने कहा है कि निरीक्षण कार्य तेजी से हो रहा है और कुल सीटों में 8,000 तक की वृद्धि संभव है।

फिलहाल कितनी सीटें हैं?

श्रेणी कुल सीटें सरकारी कॉलेज निजी कॉलेज
UG (MBBS) 1,18,098 59,782 58,316
PG 53,960 30,029 23,931

UG सीटें घटीं, कुल संख्या बढ़ेगी

सीबीआई जांच की वजह से इस साल कुछ UG सीटों में कमी देखी गई है, लेकिन NMC प्रमुख का कहना है कि निरीक्षण पूरा होने के बाद कुल मिलाकर सीटों में बढ़ोतरी होगी और संख्या 8,000 तक या उससे भी अधिक हो सकती है।

NEXT परीक्षा पर सस्पेंस

फाइनल ईयर MBBS छात्रों के लिए प्रस्तावित नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) को लेकर डॉ. शेट ने कहा कि यह एक “नया और महत्वाकांक्षी कॉन्सेप्ट” है, लेकिन इसे लागू करने में अभी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती है स्टेट लेवल यूनिवर्सिटी परीक्षा से केंद्रीय परीक्षा की ओर बदलाव। परीक्षा का स्तर और कठिनाई तय करना भी अहम है। छात्रों और फैकल्टी में NEXT को लेकर सकारात्मक सोच बनाना जरूरी है। डॉ. शेट का मानना है कि छात्रों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर किए बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता। यह परीक्षा कठिन नहीं होगी, बल्कि निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन का साधन बनेगी।

मेडिकल कॉलेज और गुणवत्ता

2014 से अब तक देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस पर उठ रहे सवालों के बीच डॉ. शेट ने कहा कि संख्या और गुणवत्ता दोनों जरूरी हैं।

  • NMC ने Accreditation प्रक्रिया को और सख्त किया है ताकि फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लिनिकल सुविधाओं की न्यूनतम गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
  • मेडिकल ट्रेनिंग को और बेहतर बनाने के लिए ‘Phydigital Model’ (Physical + Digital शिक्षा) लागू करने पर काम चल रहा है।
  • निजी और सरकारी अस्पतालों के क्लिनिकल संसाधनों का उपयोग मेडिकल छात्रों की ट्रेनिंग में किया जाएगा।

NMC का विजन: इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंप्लीमेंटेशन

एनएमसी का विजन इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंप्लीमेंटेशन पर आधारित है। डॉ. अभिजीत शेट के अनुसार, मेडिकल शिक्षा में नई तकनीकों और डिजिटल सॉल्यूशन्स के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, सरकारी और निजी अस्पतालों के क्लिनिकल संसाधनों का बेहतर उपयोग कर इंटीग्रेशन को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही, किए गए हर सुधार को जमीनी स्तर पर सख़्ती से लागू कर इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक मेडिकल शिक्षा मिल सके।

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