हाथरस 16 अगस्त । श्रीकृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर बालगोपालों की धूम रही। नन्हे-मुन्ने बाल श्रीकृष्ण और राधा की छवि में सजधजकर अनुपम छटा बिखेर रहे थे। मटकी और मक्खन की आकृति का केक बालगोपालों के लिए बनाया गया था। ʺराधा का भी श्याम तो मीरा का भी श्याम‘‚ ʺजन्माष्टमी आई रे‘ गीतों की मधुर ध्वनि पर भावनृत्य से वातावरण श्रीकृष्णमय था। इस अवसर पर बीके शान्ता बहिन ने कहा कि श्रीकृष्ण न तो चोर हैं न काले हैं‚ वे तो वैकुण्ठवासी‚ सतयुगी विश्वमहाराजन हैं जिनके राज्य में सर्वत्र सुख और शान्ति रही। अखण्ड‚ अटल साम्राज्य ‚ सर्वगुण सम्पन्न ‚ सोलह कला सम्पूर्ण‚ निर्विकारी‚ मर्यादापुरुषोत्तम का ही गायन है। पूजा‚ लक्ष्मी‚ कविता‚ शालू‚ मानसी‚ काव्या आदि बालगोपालों के रूप में शोभायमान थे। सायंकाल को ʺआज की शाम कान्हा के नाम‘ का आयोजन होगा जिसमें चण्डीगढ की डॉ० प्रतिभा ʺमाही‘‚ भोपाल के डॉ० मुकेश ʺकबीर‘‚ चण्डीगढ से ही डॉ० संगीता शर्मा कुन्द्रा‘ ʺगीत‘‚ डॉ० कान्ता वर्मा‚ करनाल हरियणा से तथा मुरादाबाद से नवोदित संवेदनशील कवि विशेष ʺआजाद‘‚ गफिल स्वामी ‚ आशु कवि अनिल बौहरे आदि सहभागिता कर रहे हैं।