हाथरस 14 अगस्त । ब्रिटिश काउंसिल नई दिल्ली के रिड्स परियोजना के अंतर्गत वर्षभर चलने वाली मुख्य सात अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों की श्रृंखला की अगस्त माह की पहली गतिविधि सफलतापूर्वक संपन्न हुई। नन्हें-मुन्नों ने “मेलोडी विद बॉर्डर्स-फ्रॉम इंडिया, जापान, फ्रांस और अमेरिका” के माध्यम से भाषाओं और संस्कृतियों की अद्भुत यात्रा की। कार्यक्रम में प्राइमरी के 80% से भी ज़्यादा बच्चों ने ग्लोब पर देशों की पहचान की, राष्ट्रीय ध्वजों के रंगों और उनके अर्थ को सीखा, और चारों देशों की लोकप्रिय कविताएं—“लकड़ी की काठी”, “इटसी-विटसी स्पाइडर”, “फ्रेर जेक्स” और “उसागी-उसागी”—सुर, लय और अभिनय के साथ प्रस्तुत कीं। कला, वर्कशीट, क्विज़ और समूह खेलों ने इस अनुभव को और भी रोचक बना दिया। बच्चों ने न केवल नई भाषाएं और परंपराएं जानीं, बल्कि सांस्कृतिक विविधता, वैश्विक दृष्टिकोण और सहयोग की भावना को भी अपनाया। विद्यालय में परियोजना को संपन्न कराने का उद्देश्य बच्चों में शिक्षा, कला, संस्कृति और भाषाओं का आदान-प्रदान करना तथा उसे बढ़ावा देना है।
अंत में, चार समूहों में बंटकर बच्चों ने अमेरिका, जापान, फ्रांस और भारत की कविताएं मंच पर प्रस्तुत कीं। यह दृश्य उल्लास और उत्साह से भरपूर था, जिसमें बच्चों ने पूरे मन से भाग लिया और खूब आनंद लिया।
अभिभावकों, शिक्षकों व दून के विद्यार्थियो से प्राप्त फीडबैक और स्वयं के अनुभावों और ऑब्जर्वेशन्स के आधार पर प्रधानाचार्य जे.के. अग्रवाल ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे विद्यालय के लिए गर्व का क्षण है। यह पहल हमारे विद्यार्थियों को ज्ञान, रचनात्मकता और संवेदनशीलता में समृद्ध करते हुए उन्हें जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनाएगी। यह यात्रा अभी शुरू हुई है। विद्यालय में ब्रिटिश काउंसिल रीड्स परियोजना के प्रभारी समन्वयक- रीटा शर्मा एवं नम्रता अग्रवाल, शिक्षिकाएं-मोनिका सिंह, तनु शर्मा, कामिनी सिंह, दिव्यांशी वार्ष्णेय, विधि शर्मा, गरिमा राठी का योगदान सराहनीय रहा।