हाथरस 08 अगस्त । श्यामकुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इण्टर कॉलेज एवं तरफरा रोड़ स्थित आरकेएसके इण्टरनेशनल स्कूल में रक्षा-बन्धन का पावन पर्व हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बालक-बालिकाओं ने उत्कृष्ट कोटि की राखियाँ बनाकर अपनी भावनात्मक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति को साकारता प्रदान की। श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाला यह त्यौहार मुख्य रूप से हिन्दुओं में प्रचलित है किन्तु भारत में सभी धर्मों के लोग उत्साह, प्रेम एवं स्नेह से इस त्यौहार को मनाकर सर्व धर्म संभाव को प्रस्तुत करते हैं। वक्ताओं ने भाई-बहनों के लिये बने इस त्यौहार पर प्रकाश डालते हुये बतलाया कि यह पर्व हमारी संस्कृति की पहचान है। इसके साथ ही राखी देश, पर्यावरण एवं मानव-हितों की रक्षा के लिये भी बाँधी जाती है एवं आज के दिन सनातनी पुराने उपनयन को बदलकर नवीन जनेऊ धारण करते हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता ने बतलाया कि यह त्यौहार आदिकाल से जुड़ा हुआ है। वामनावतार में नारद जी की सलाह पर लक्ष्मी जी ने बलि को रक्षासूत्र बाँधकर उसे अपना भाई बनाया था। मुसलमान होते हुये भी हूमायूँ ने मेवाड़ की महारानी कर्मावती द्वारा भेजी गयी राखी की लाज रखी थी। सिकन्दर की पत्नी ने अपने हिन्दू शत्रु पुरू को राखी बाँधकर अपने पति सिकन्दर को पुरू से जीवन दान दिलवाया था।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने रक्षा-बन्धन को भारतीय संस्कृति की पहचान बताते हुये, इस त्यौहार को गर्व एवं उल्लास का प्रतीक बताया। उन्होंने अत्यन्त दुखः के साथ कहा आज भी कई भाईयों की कलाई में राखी इसलिये नहीं बँध पाती, क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता-पिता ने कन्या-भ्रूण हत्या कर उन्हें इस दुनिया में आने ही नहीं दिया।
राखी मेकिंग प्रतियोगिता में एमएलडीवी में प्रथम स्थान पर चंचल, द्वितीय स्थान पर देवांश सिंह एवं तृतीय स्थान पर योग्यता सेंगर रहे तथा प्रनिका, बबली, युविका एवं ईशु को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। आर0के0एस0के0 इण्टरनेशनल स्कूल के पारस कशिश, मन्नत, परिधि, वंशिका, दिव्या, तन्मय, कार्तिक, कनक, उपासना, झलक, पलक, दिव्यांशु, यनिका, महक, अदिति, अखिलेश को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रियंका जैन, नीतू सिंह, शिवानी शर्मा, निधि चतुर्वेदी, आर0के0एस0के0 की प्रीति यादव, निहारिका वार्ष्णेय, रूपेन्द्र चौहान, नूतन सौखिया, ऊष्मा कश्यप, सीमा अग्रवाल, ज्योति सोनी, गजल सौखिया, श्याम सिंह, डॉ रेखा जादौन, पुनीत गुप्ता, पुनीत कुमार वार्ष्णेय, जीतू अरोरा, राजेन्द्र प्रसाद, सत्यवती आदि का सहयोग रहा।
अन्त में संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा के इस बन्धन को जीवन-पर्यंत निभाने का संदेश दिया।