कासगंज 07 अगस्त । कासगंज जनपद में पुलिस विभाग की छवि को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। कस्बा सहावर निवासी एक ज्वेलर से फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल गोपनीय जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए जाने पर कोतवाली पटियाली के प्रभारी निरीक्षक रामवकील सिंह, एसओजी प्रभारी उपनिरीक्षक विनय शर्मा तथा सिपाही सोबरन सिंह व पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया। साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच क्षेत्राधिकारी पटियाली को सौंपी गई है।
ज्वेलर की शिकायत से खुला मामला
कस्बा सहावर निवासी अजय कुमार वर्मा ने एसपी कासगंज को शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि एसओजी का सिपाही पवन एक शातिर व्यक्ति जय प्रकाश उर्फ जेपी के साथ उनके पास आया और चोरी के जेवर खरीदने का झूठा आरोप लगाते हुए उनसे चोरी के जेवर और 50,000 रुपये की मांग करने लगा। जब अजय ने इनकार किया, तो उन्हें थाना पटियाली ले जाया गया, जहां सिपाही सोबरन सिंह व पवन कुमार ने तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी और जेल भेजने की धमकी दी। अजय ने डर के मारे रात 3 बजे अपने बच्चों से उधार लेकर यह राशि सिपाही को दी, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया।
एसपी की कड़ी कार्यवाही
एसपी अंकिता शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया और गोपनीय जांच कराई। जांच में चारों पुलिसकर्मियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से सामने आई। इसी आधार पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई।IPC व PC Act की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। जांच सीओ पटियाली को सौंपी गई। विभागीय कार्यवाही भी प्रारंभ की गई है।
पुलिस विभाग में हड़कंप
इस घटना और त्वरित कार्रवाई के बाद कासगंज पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। आमजन में भी पुलिस की छवि को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जबकि एसपी की निष्पक्ष कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। पुलिस प्रशासन पर आमजन का विश्वास बना रहे, इसके लिए भ्रष्टाचार पर ऐसी कड़ी कार्रवाई समय की मांग है।