हाथरस 06 अगस्त । उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन, दस्तक अभियान और नियमित टीकाकरण कार्यक्रम जैसे कई प्रभावी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनसे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है। इसी क्रम में, अप्रैल 2025 में 10 और 16 वर्ष के किशोरों हेतु स्कूल आधारित टीडी टीकाकरण अभियान चलाया गया। जिन विद्यालयों में टीकाकरण की दर 70% से कम रही, उनके लिए 1 अगस्त से 31 अगस्त 2025 तक विशेष टीडी अभियान संचालित किया जा रहा है।
बच्चों के लिए जीवनरक्षक कवच है टीकाकरण
सरकार द्वारा जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 12 घातक बीमारियों —टीबी, हेपेटाइटिस-बी, पोलियो, गलाघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा-बी, निमोनिया, दस्त, खसरा और रूबेला — से बचाव हेतु टीकाकरण की सुविधा प्रदान की जा रही है। ये सेवाएं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हर बुधवार और शनिवार, वीएचएनडी सत्रों के माध्यम से दी जाती हैं, जिसमें आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सक्रिय रूप से जुड़ी रहती हैं।
भ्रम और डर को करें दूर
डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, गावी जैसे वैश्विक संगठनों द्वारा किए गए अनुश्रवण में यह सामने आया है कि अनेक परिवार अब भी टीकाकरण से वंचित हैं। इसके पीछे अज्ञानता, झिझक, टीकाकरण से डर और अफवाहें जैसे कारण प्रमुख हैं।
जनपद वासियों से अपील
जिलाधिकारी राहुल पांडेय ने जनपद वासियों से अपील की है कि वे बुधवार, शनिवार को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, ब्लॉक सीएचसी, पीएचसी, और जिला महिला चिकित्सालय में पहुंचकर अपने बच्चों का निःशुल्क टीकाकरण अवश्य कराएं। यह न केवल आपके बच्चे को सुरक्षित करता है, बल्कि पूरे समाज को स्वस्थ बनाता है। एक सुई से मिल सकता है जीवनभर का सुरक्षा कवच। आइए, टीकाकरण को अपनाएं — बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाएं।