हाथरस 04 अगस्त । अनुसूचित जाति के युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार स्थापित करने का सुनहरा अवसर सामने आया है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम-अजय (प्रधानमंत्री आदर्श अनुसूचित जाति ग्राम योजना) के अंतर्गत “ग्रान्ट-इन-एड” योजना शुरू की गई है, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को ₹50,000 तक का अनुदान दिया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) सरिता सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों के अनुसूचित जाति के नागरिकों के लिए है। इच्छुक लाभार्थी कम से कम 3 व्यक्तियों का समूह या क्लस्टर बनाकर उद्योग या व्यवसाय इकाई स्थापित कर सकते हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- प्रति व्यक्ति ₹50,000 या परियोजना लागत का 50% (जो कम हो) अनुदान के रूप में।
- परियोजना लागत का 5% लाभार्थी अंशदान तथा शेष राशि बैंक ऋण के रूप में।
- संबंधित व्यवसाय में निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा।
- कोई आय सीमा नहीं, लेकिन ₹2.5 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों को प्राथमिकता।
- उम्र सीमा: 18 से 50 वर्ष।
- शैक्षिक योग्यता : साक्षरता आवश्यक।
- पूर्व योजनाओं में बकायेदार न हों।
कौन से व्यवसाय शामिल हैं?
बुटीक, ब्यूटी पार्लर, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, टेक्नीशियन, लॉजिस्टिक्स, वाहन चालक, जनरल स्टोर, ऑटो/ई-रिक्शा, फोटोग्राफी, डेयरी, मुर्गी पालन, बकरी पालन, महिला गृह उद्योग, जनसुविधा केंद्र आदि स्वरोजगार इकाइयों की स्थापना की जा सकती है।
कैसे करें आवेदन?
इच्छुक लाभार्थी http://grant-in-aid.upsfdc.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अथवा विकास भवन, कमरा नं. 204, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास), हाथरस कार्यालय में समस्त दस्तावेजों सहित आवेदन जमा कर सकते हैं। विकास खंड कार्यालय में सहायक विकास अधिकारी (स0क0) या ग्राम विकास अधिकारी (स0क0) से भी संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह योजना अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इच्छुक युवाओं और महिलाओं से अपील है कि वे इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ाएं।