हाथरस 03 अक्टूबर । हाथरस जिले के विकास को लेकर एक बड़ी योजना पर काम शुरू होने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब हाथरस के 358 गांवों के लिए मास्टर प्लान तैयार करेगी। इस योजना के तहत इन गांवों को सुनियोजित ढंग से औद्योगिक, आवासीय और संस्थागत रूप में विकसित किया जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य है कि परंपरागत छोटे उद्योगों को आधुनिक स्वरूप देकर उन्हें बड़े स्तर पर स्थापित करना, जिससे हाथरस औद्योगिक विकास का नया केंद्र बन सके।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल
योजना के अंतर्गत हाथरस के धातु कला उद्योग, कपड़ा उद्योग और दुग्ध उद्योग को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा। क्षेत्र में उपलब्ध अनाज, फल और सब्जी उत्पादन को देखते हुए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को विशेष बढ़ावा दिया जाएगा। छोटे व कुटीर उद्योगों को मजबूत आधारभूत ढांचा प्रदान किया जाएगा।
बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
यमुना अथॉरिटी की योजना के मुताबिक इन 358 गांवों में आधुनिक सड़क नेटवर्क, सीवर लाइन, पेयजल पाइपलाइन, बिजली आपूर्ति, परिवहन सेवा, शिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सेवाएं विकसित की जाएंगी।इन सुविधाओं को गौतमबुद्धनगर मॉडल पर लागू किया जाएगा, जिससे गांवों का स्वरूप शहरी ढांचे में बदल सके।
अथॉरिटी का दायरा हो रहा है विस्तृत
यमुना अथॉरिटी अब तक गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर में विकास कार्य कर चुकी है। अब इसका विस्तार अलीगढ़, मथुरा और हाथरस तक हो गया है। वहीं, नया आगरा मास्टरप्लान भी लगभग तैयार है।
क्या बोले स्थानीय उद्यमी
उद्योग नगरी संघ के उपाध्यक्ष देवेंद्र मोहता ने बताया कि यदि यह योजना ज़मीन पर साकार होती है, तो हाथरस की पहचान फिर से चमक उठेगी। यहां का पारंपरिक धातु उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण का क्षेत्र एक नई ऊंचाई पर जा सकता है।