सिकंदराराऊ (हसायन) 02 अगस्त । हसायन कस्बे में स्थित प्राचीन वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के निकट बनी एकमात्र गौशाला की बाउंड्री को तोड़कर नगर पंचायत द्वारा पेयजल टंकी निर्माण हेतु बोरिंग कराई जा रही है। यह कदम स्थानीय लोगों और गोरक्षकों में नाराजगी का कारण बन गया है। गौरतलब है कि यह गौशाला कई वर्षों से बंद पड़ी है और इसमें किसी भी प्रकार के गौवंश को नहीं रखा गया। जबकि नगर में बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश गली-मोहल्लों और बाजारों में खुलेआम घूमते देखे जा सकते हैं। समय-समय पर इस गौशाला का सरकारी स्तर पर जीर्णोद्धार भी कराया गया, लेकिन फिर भी यह केवल एक “शोपीस” बनकर रह गई। स्थानीय गोरक्षकों का कहना है कि नगर पंचायत को पेयजल टंकी के लिए अन्य स्थानों की तलाश करनी चाहिए थी, जबकि कस्बे में खाली भूमि की कोई कमी नहीं है। लेकिन गौशाला की बाउंड्री तोड़कर उसी जमीन पर टंकी निर्माण शुरू कर देना, गोवंश संरक्षण के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है।
इस पूरे मामले में जब नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी संदीप सारस्वत से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में उस गौशाला में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है और शासन से इसके लिए कोई अनुदान भी प्राप्त नहीं होता था। नई गौशाला के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और बरसात के बाद वहां निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। नई गौशाला में सभी सुविधाएं होंगी और सरकार से नियमित अनुदान भी मिलेगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वर्षों से बंद पड़ी इस गौशाला के संबंध में पहले क्यों कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वह इस प्रश्न पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके और बात को टाल गए। स्थानीय लोगों और गोरक्षकों का मानना है कि नगर पंचायत को पहले से ही बंद पड़ी गौशाला को पुनः संचालित करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए था। लेकिन अब जब वहां टंकी निर्माण कार्य शुरू हो गया है, तो यह तय माना जा रहा है कि भविष्य में उस स्थान पर गोवंशों को रखने की कोई संभावना नहीं बची। इस मामले ने नगर पंचायत की कार्यशैली और गोवंश संरक्षण को लेकर उसकी गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।