नई दिल्ली 21 जुलाई । हज 2026 के लिए सऊदी अरब सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए पति-पत्नी सहित महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक ही कमरे में ठहराने की व्यवस्था खत्म कर दी है। अब महिला और पुरुष आजमीन (हज यात्री) को अलग-अलग कमरों में ठहराया जाएगा। सऊदी सरकार के अनुसार, पुरुषों को महिला हाजियों के कमरों में प्रवेश की अनुमति भी नहीं होगी। भारत से हर साल करीब 1.75 लाख हज यात्री सऊदी अरब रवाना होते हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया इन यात्रियों के लिए वहां होटल व बिल्डिंग किराए पर लेकर ठहरने की व्यवस्था करती है। अब तक पति-पत्नी या करीबी रिश्तेदारों को एक साथ ठहराने की सुविधा दी जाती थी, लेकिन हज 2026 से यह नियम बदल जाएगा।
अगल-बगल रहेंगे करीबी रिश्तेदार, लेकिन कमरे अलग
राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी ने जानकारी दी कि सऊदी सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, पति-पत्नी और करीबी रिश्तेदारों को अगल-बगल के कमरे दिए जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद हो सके। वहीं, बिना महरम (पुरुष संरक्षक) यात्रा करने वाली महिलाओं को एक साथ रखा जाएगा।
भारतीय हज यात्रियों को पहले मिली थी छूट
एसपी तिवारी ने बताया कि दुनिया के बाकी देशों में यह व्यवस्था पहले से लागू है, लेकिन भारत के हज यात्रियों की उम्र और अशिक्षा को देखते हुए सऊदी सरकार ने पहले कुछ छूटें दी थीं, जैसे एक साथ रहना और किचन की सुविधा। लेकिन कुछ शिकायतें मिलीं कि इससे महिलाओं की बेपर्दगी हो रही है। इस कारण अब भारत पर भी वही नियम लागू होंगे।
व्यवहारिक दिक्कतें देखेगी हज कमेटी
राज्य हज कमेटी ने कहा है कि इस बदलाव से व्यवहारिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे बुजुर्ग दंपतियों की देखभाल आदि। इस विषय पर हज कमेटी ऑफ इंडिया को पत्र भेजा जाएगा, हालांकि अंतिम निर्णय सऊदी सरकार का होगा।