लखनऊ 17 जुलाई । उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संपूर्ण कायाकल्प के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2000 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। यह बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा शिक्षा को केवल उपस्थिति तक सीमित रखने की नहीं, बल्कि उसे संरचनात्मक, तकनीकी और बौद्धिक रूप से सशक्त बनाने की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल करने की दिशा में नवाचार और पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है।
स्कूलों को मिलेंगी ये आधुनिक सुविधाएं
इस योजना के तहत प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में निम्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी:
- विद्यालय भवनों का निर्माण एवं मरम्मत
- संसाधनों का सुदृढ़ीकरण
- शुद्ध पेयजल एवं शौचालय
- स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर लैब
- एमडीएम (मिड डे मील) शेड
- दिव्यांग छात्रों के लिए रैंप
- चारदीवारी और मल्टीपरपज हॉल आदि
मंत्री ने बताया कि 500 या उससे अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों को ‘आदर्श विद्यालय’ के रूप में विकसित किया जाएगा। ऐसे विद्यालयों को स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, क्लब रूम, कंप्यूटर/आईसीटी लैब, ‘लर्निंग बाय डुइंग’ स्पेस और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।
सह-शिक्षण को भी मिलेगा नया स्वरूप
महानिदेशक स्कूल कंचन वर्मा ने बताया कि इस योजना से छात्र नामांकन में वृद्धि, पियर लर्निंग (सहपाठी शिक्षण) को बढ़ावा और कक्षा में सक्रिय सहभागिता को बढ़ाया जाएगा। साथ ही, शिक्षकों के कार्य विभाजन और सह-शिक्षण की व्यवस्थाएं भी और अधिक प्रभावी होंगी। सरकार का उद्देश्य शिक्षा सुधार को केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि बच्चों के सीखने की गुणवत्ता और विद्यालय जीवन में बदलाव लाना है।