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सिकंदराराऊ (हसायन) 17 जुलाई । हसायन ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतें दशकों से खारे पानी की समस्या से जूझ रही हैं। इसी कड़ी में महासिंगपुर पंचायत की कहानी दिल को झकझोर देती है। वर्षों तक चले ग्रामीणों के संघर्ष के बाद वर्ष 2022 में यहाँ पानी की टंकी तो बन गई, जिससे घर-घर पीने का पानी पहुँचना शुरू हुआ, लेकिन यह राहत भी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकी। राजनगर से आने वाली जल आपूर्ति पाइपलाइन जगह-जगह से लीक हो चुकी है। हाल ही में नगला मया गाँव की लाइन बीते 15 दिनों से फटी हुई थी, जिससे सप्लाई बाधित हो गई थी। जब ग्रामीणों ने जल निगम से शिकायत की, तो जवाब मिला कि रखरखाव का जिम्मा अब एक निजी कंपनी को सौंपा गया है। लेकिन जब ग्रामीणों ने कंपनी से मरम्मत की माँग की, तो उल्टा पानी की आपूर्ति ही बंद कर दी गई। ग्रामीणों ने जब जलनिगम के अधिशासी अभियंता से संपर्क किया, तो उन्होंने बेहद गैर-जिम्मेदाराना अंदाज़ में कहा — “हमारे पास पैसा नहीं है, अगर आपके पास है तो आप ही करा लीजिए।”

इस तरह की उपेक्षा और उपहास से आहत होकर ग्रामीणों ने खुद पाइपलाइन की मरम्मत का बीड़ा उठाया। दो दिन की लगातार मेहनत और कल देर रात तक प्रयास करने के बावजूद जब सफलता नहीं मिली, तो आज सुबह फिर से जुटे और आखिरकार पाइपलाइन को ठीक कर दिया। तीन दिनों बाद ग्रामीणों को आज पीने का पानी नसीब हुआ। लेकिन इतने संघर्ष के बाद भी ग्रामीणों को चैन नहीं मिला। मरम्मत के बाद निजी कंपनी के एक कर्मचारी ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए कहा — “इस बार तो आपने हमारी इजाज़त के बिना खुदाई कर दी, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होना चाहिए।” इस व्यवहार से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब अधिकारी और कंपनी मिलकर जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे, तो फिर आम जनता को इस तरह धमकाना कहां तक उचित है?

ग्रामीणों की मांग है कि

  • पाइपलाइन की नियमित जांच और मरम्मत का इंतज़ाम किया जाए।
  • निजी कंपनी की लापरवाही की जांच कर उसे जवाबदेह बनाया जाए।
  • जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई हो।

 

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