हाथरस 14 जुलाई । जनपद हाथरस की माटी में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी मुंशी गजाधर सिंह के योगदान को अमर बनाने के लिए अब उनकी प्रतिमा स्थापना की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुनीता कुमारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर सासनी कोतवाली के मुख्य चौराहे अथवा केलोरा चौराहे पर उनकी प्रतिमा लगाए जाने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित स्वतंत्रता सेनानी सभागार कक्ष में मुंशी गजाधर सिंह का छायाचित्र लगाए जाने का भी आग्रह किया है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के बाद जनपद के दूसरे सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मुंशी गजाधर सिंह का नाम आता है। उनका जन्म सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम खुशहालगढ़ में एक किसान परिवार में हुआ था। मुंशी जी ने स्वतंत्रता संग्राम में 06 वर्ष 3 माह की लंबी जेल यात्राएं कीं और कई आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई।
सुनीता कुमारी ने बताया कि उनके योगदान के सम्मान में 1973 में अलीगढ़ के धर्म समाज कॉलेज में भारत सरकार के तत्कालीन जहाजरानी मंत्री श्री राज बहादुर द्वारा उनका नागरिक अभिनंदन किया गया था। हाल ही में 2023 में हाथरस के अग्रवाल सेवा सदन में आयोजित कीर्तितीर्थ कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। मुंशी गजाधर सिंह का स्वतंत्रता आंदोलन में गहरा जुड़ाव रहा, जिसकी कीमत उन्होंने अपने परिवार से अलग रहकर चुकाई। जेल में रहते हुए उनकी पत्नी और दो पुत्रियों का निधन हो गया, लेकिन देशसेवा से उनका मन नहीं डिगा। आजादी के बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते हुए ग्राम कौमरी में एक विद्यालय की स्थापना की, जो आज “मुंशी गजाधर सिंह जनता इंटर कॉलेज” के नाम से संचालित है। उन्होंने आगे बताया कि हाथरस नगर पालिका ने स्वतंत्रता के बाद उनकी स्मृति में अलीगढ़-आगरा मार्ग पर एक सड़क का नामकरण भी उनके नाम पर किया था। वहीं, हाथरस किले के मंदिर के द्वार पर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित शिलालेख में उन्हें संरक्षक के रूप में दर्ज किया गया है। सुनीता कुमारी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनके अतुलनीय योगदान की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उनके नाम पर प्रतिमा की स्थापना और कलेक्ट्रेट परिसर में छायाचित्र लगाए जाने की कृपा करें।