लखनऊ 13 जुलाई । उत्तर प्रदेश सरकार ने कम नामांकन वाले 10,827 परिषदीय विद्यालयों का विलय कर दिया है। इसके बाद खाली हुई विद्यालय भवनों में अब आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह निर्णय संसाधनों के बेहतर उपयोग और बाल वाटिका योजना को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग श्रीमती लीना जौहरी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विद्यालय परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका घोषित किया गया है। अब इन परिषदीय विद्यालयों के भवनों को भी बाल वाटिका के रूप में प्रयोग में लाया जाएगा।
15 दिन में सर्वे का निर्देश
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, इन विद्यालय भवनों में नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें बीएसए, बीईओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारी शामिल होंगे। कमेटी को 15 दिनों में सर्वे पूरा कर लेने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानांतरण की शर्तें
- 500 मीटर के भीतर स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों को ही शिफ्ट किया जाएगा।
- जिस विद्यालय भवन में केंद्र को शिफ्ट किया जाना है, वह सुरक्षित व उपयुक्त होना चाहिए।
- यदि आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही अच्छी स्थिति में कार्यरत है, तो शिफ्टिंग नहीं की जाएगी।
- गांवों के पंचायत भवन या किराए की जगहों पर चल रहे केंद्रों को प्राथमिकता पर शिफ्ट किया जाएगा।
स्थानीय स्तर पर होंगे सुझाव और बैठकें
सर्वे के बाद, स्थानीय प्रधान, अभिभावकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर फीडबैक लिया जाएगा। इसके पश्चात ही भवनों का अंतिम चयन किया जाएगा। वहीं इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। रविवार को शिक्षकों और युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अभियान चलाया, जिसमें #SchoolVirodh ट्रेंड करता रहा। डीएलएड मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव ने कहा कि यह निर्णय संविधान और शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। अभियान में लाखों युवाओं और शिक्षक संगठनों ने भाग लिया।