अलीगढ़ 12 जुलाई । जिले के बरला थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या करा दी। हैरान करने वाली बात यह है कि इस हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया तमंचा और कारतूस उसी पैसे से खरीदे गए थे, जो पति ने बच्चों के नाश्ते और घर के राशन के लिए पत्नी को दिए थे।
मृतक की पहचान सुरेश कुमार (32) के रूप में हुई है, जो दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। सुरेश मूल रूप से बरला कस्बे के मोहल्ला कोठी का निवासी था और अपनी पत्नी बीना तथा तीन बच्चों के साथ रहता था। वह कुछ दिन पहले ही दिल्ली से घर लौटा था और बृहस्पतिवार को वापसी की तैयारी कर रहा था।
पति की हत्या के लिए पत्नी ने रची खौफनाक साजिश
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि बीना के पड़ोस में परचून की दुकान चलाने वाले युवक मनोज कुमार से पिछले आठ वर्षों से अवैध संबंध थे। इस प्रेम संबंध की जानकारी सुरेश और उसके परिजनों को पहले ही थी, लेकिन बीना के बार-बार समझाने और भरोसा दिलाने पर सुरेश ने उसे माफ कर दिया था।
हालांकि, बीना और मनोज ने साथ रहने की ठान ली थी। पति सुरेश उनके लिए अब एक रुकावट बन चुका था। बीना ने अपने पति से घर के खर्च के लिए जो रुपये लिए थे, उन्हीं से तमंचा और कारतूस खरीदे और वह हथियार प्रेमी मनोज को सौंप दिया।
हत्या के बाद प्रेमी ने किया आत्मसमर्पण
घटना के दिन सुरेश घर के बाहर चबूतरे पर मोबाइल देख रहा था, तभी मनोज ने सीने में गोली मार दी। सुरेश की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, सुरेश के बड़े भाई विजय जब हमलावर को रोकने आए, तो उस पर भी मनोज ने फायर किया। उनके कान पर छर्रे लगने से वह घायल हो गए।
हत्या के बाद मनोज सीधे थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बीना को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
प्रेम संबंध के लिए अलग मोबाइल रखा था बीना ने
पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि बीना के पास एक अलग मोबाइल फोन था, जिससे वह मनोज से बात करती थी। जब पुलिस ने सख्ती की तो बीना ने सूटकेस में छिपाया गया फोन बरामद करवा दिया। यह मोबाइल मनोज ने ही उसे दिया था।
एसपी देहात का आदेश – विवाहेत्तर विवादों पर बनें विशेष रजिस्टर
इस दर्दनाक घटना के बाद एसपी देहात अमृत जैन ने जिले भर के थानों में विवाहेत्तर विवादों के लिए अलग रजिस्टर बनाने का निर्देश जारी किया है। ऐसे मामलों की निगरानी, काउंसिलिंग और समय पर निस्तारण करने पर ज़ोर दिया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
प्रधान ने उठाया बच्चों की जिम्मेदारी का बीड़ा
घटना के बाद जब मृतक के परिजन थाने पहुंचे, तो गांव के प्रधान दिनेश कुमार ने तीनों बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बच्चे अब अपने ताऊ की निगरानी में रहेंगे और उनके खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई का पूरा खर्च ग्राम पंचायत उठाएगी। इसके साथ ही मृतक की बेटी के नाम 50 हजार रुपये की एफडी कराने की भी घोषणा की गई।